मिर्गी केस: नशीली दवाएं देने के मामले में आरके गुप्ता सहित 15 आरोपी बरी

संक्षेप:

  • मिर्गी दवा प्रकरण में डॉ. आरके गुप्ता सहित 15 आरोपी बरी
  • नशीली दवाएं देने का था आरोप
  • जिला कोर्ट ने सबूत पेश नहीं माना प्राप्त

देहरादून: मिर्गी के मरीजों का शर्तिया इलाज करने के नाम पर नशीली दवाएं देने के मामले में देहरादून सीजीएम कोर्ट में मुख्य आरोपी डॉ. आरके गुप्ता सहित 15 दोषियों को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शनिवार को एडीजेएम पंचम विनोद कुमार की अदालत ने सभी को बरी कर दिया।

ऋषिकेश में नीरज क्लीनिक प्राइवेट लिमिटेड में मिर्गी के रोगियों का शर्तिया इलाज करने का दावा किया जाता था। एक एनआरआई ने डॉ. गुप्ता पर वर्ष 2004 में आरोप लगाया कि उनके क्लीनिक में मरीजों को नशा दिया जाता है। जिससे मरीज बेसुध हो जाते हैं। इसके बाद राज्य औषधि नियंत्रक की टीम ने छापेमारी की तो अस्पताल में कई तरह की प्रतिबंधित दवाएं मिली। इसके बाद डॉ. गुप्ता सहित 15 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा ऋषिकेश थाने में दर्ज हुआ था।

सीजेएम कोर्ट ने इस मामले में बीते 20 दिसंबर को आरके गुप्ता को पांच वर्ष सश्रम कैद और 21 हजार रुपए की सजा सुनाई। अगले दिन आरके गुप्ता ने जमानत लेते हुए सजा के खिलाफ जिला जज कोर्ट में अपील दाखिल की। जिस पर इस महीने दो बार डॉ. आरके गुप्ता सहित अन्य की सजा पर कोर्ट में बहस हुई।

ये भी पढ़े : युवती ने अश्लील वीडियो चैट कर बनाया एमएमएस, सोशल मीडिया पर वायरल करने की दी धमकी, मांगे 20 हजार रुपये


बहस पूरी होने के बाद शनिवार को कोर्ट ने डॉ. गुप्ता सहित कृष्ण कुमार, जय दत्त शर्मा, प्यारेलाल जुगरान, अरविंद शाह, डीएस रावत, राजकुमार अग्रवाल, स्नेह लता, अनीता वशिष्ठ, कविता शाह, निवर्तमान ऋषिकेश पालिका अध्यक्ष दीप शर्मा, अशोक अश्क, यशपाल सिंह पंवार, रवि कुमार जैन ,राहुल शर्मा को बरी कर दिया है।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता रूपिंदर सिंह ने बताया कि लोअर कोर्ट में सजा के लिए जो सबूत पेश किए गए थे, उन्हें जिला कोर्ट में प्राप्त नहीं माना गया और इस आधार पर राहत दी गई। शासकीय अधिवक्ता मनोज शर्मा ने बताया कि जिला कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के बाद हाईकोर्ट में अपील करेंगे।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Dehradunकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles