उत्तराखंड में मानसून ले चुका है अब तक 16 लोगों की जान, इतने करोड़ का हुआ नुकसान

संक्षेप:

  • मानसून ने इस बार जमकर बरपाया कहर
  • अब तक 16 लोगों की गई जान
  • 40 करोड़ रुपए से ज्यादा का हो चुका है नुकसान

देहरादून: उत्तराखंड में इस साल भी मानसून ने जमकर कहर बरपाया है। यहां 22 दिन पहले आया मानसून अभी तक 16 लोगों की जान ले चुका है। इतना नहीं आफत की ये बारिश कई परिवारों को बेघर कर चुकी है। मानसून में बारिश की वजह से उत्तराखंड में 40 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।

इस बार भी मानसूनी बारिश ने शुरुआती दिनों में ही अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। 1 जुलाई को पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में बादल फटने की घटना सामने आई थी। जिसमें कई घरों को नुकसान पहुंचाया था। वहीं बीते दो दिनों पहले चमोली में बादल फटने की घटना सामने आई थी। यहां भी बरसाती सैलाब में काफी नुकसना पहुंचाया।

मानसूनी बारिश पहाड़ी इलाकों में किस कदर नुकसान पहुंचाती है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। 22 दिनों में बारिश की वजह से 16 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 77 से ज्यादा ऐसे परिवार है जो अभी भी राहत शिविर में रुके हुए है। क्योंकि बारिश के साथ आए मलबे में उनका आशियाना उजड़ गया।

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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सूबे में आपदा की वजह से 40 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। ये प्राथमिक तौर पर लिया गया आंकड़ा है। वास्तविक आंकड़ा इससे भी कहीं ज्यादा हो सकता है।

आपदा सचिव अमित नेगी के मुताबिक चमोली जिले के घाट और थराली तहसील में पिछले 72 घंटो में भारी बारिश के चलते काफी नुकसान हुआ है। इन इलाकों में नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। भारी बारिश की वजह से इलाके के कई मोटर मार्ग बंद हो गए हैं। जिन्हें खोलने के युद्धस्तर पर काम जारी है | लगातार हो रही बारिश के कारण राहत एवं बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही है।

बारिश ने बदरीनाथ के आसपास बसे गांवों में काफी नुकसान पहुंचाया है। इस मानसून में बारिश ने सबसे ज्यादा ताबाही देहरादून और पिथौरागढ़ में मचाई है। सरकारी आकड़े बताते है कि इस बार के मानसून ने बीते 22 दिनों में 16 लोगों की जान ले ली है, जबकि 4 लोग अभी भी लापता है | सड़के पुल घरो को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।

मानसूनी बारिश से नुकसान

  • 77 परिवार के लगभग 295 लोग अभी भी राहत शिविर में जीवन जीने को मजबूर है
  • 16 लोगों की गढ़वाल और कुमाऊं में मौत हो चुकी है
  • जल निगम की 27 परियोजना को नुकसान पहुंचा है
  • काली नदी, गोरी नदी और सरयू अभी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इतना ही नहीं भागीरथी यानी गंगा भी खतरे के निशान से ऊपर चली गयी है।
  • ऋषिकेश-गंगोत्री, ऋषिकेश-यमुनोत्री मार्ग अभी बंद है। इसी तरह से चमोली से केदारनाथ जाने वाला मार्ग भी बार बार बंद हो रहा है।

सीएम ने आपदा सचिव को दिए निर्देश

राज्य में बिगड़ते हालात को देखते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा सचिव को पूरा फोकस बारिश पर रखने के लिए कहा है। इतना ही नहीं हर मार्ग पर 3-3 जेसीबी की तैनाती के लिए भी कहा है। इसके अलावा चार धाम यात्रा रुट पर लैंडस्लाइट जोन्स पर आपदा प्रबंधन की टीम लगातार मार्ग को खोलने का प्रयास कर रही है। इसके अलावा जिन लोगों की आपदा में मौत हुई है या फिर घरों को नुकसान पहुंचा है। उन्हें तत्काल राहत राशि देने के निर्देश दिए हैं। 

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