आकाश अंबानी उत्तराखंड के इस मंदिर में कर सकते हैं शादी

संक्षेप:

  • उत्तराखंड के इस मंदिर में शादी करेंगे आकाश अंबानी
  • अफवाह का बाजार है गर्म
  • जानें मंदिर की खास बातें

मुकेश अंबानी के बेटे आकाश अंबानी की शादी उत्तराखंड में हो सकती है। जिसकी चर्चा इन दिनों जोरों पर है। दरअसल मान्यता है कि भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित त्रियुगी नारायण मंदिर में हुआ था। इस मंदिर में आज भी इनके विवाह से जुड़े साक्ष्य मौजूद हैं। यह मंदिर धार्मिक यात्रा करनेवालों और शिव भक्तों के लिए तो हमेशा ही खास महत्व रखता है।

लेकिन आमजन के बीच यह मंदिर एक बार फिर चर्चा में है तो इसका कारण है देश के बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे की आकाश की शादी की कुछ रश्में यहां निभाई जा सकती हैं। अखंड सौभाग्य के लिए यहां जयमाला होने की बात सामने आ रही है।

यह मंदिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है और शिव-पार्वती विवाह स्थल होने के कारण इस मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है। यही कारण है कि दूर-दूर से भक्त शिव और नारायण का आशीर्वाद पाने के लिए इस मंदिर में आते हैं और मन्नतें मांगते हैं।

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धार्मिक मान्यता है कि माता-पार्वती और भगवान शिव के विवाह में भगवान विष्णु ने माता पार्वती के भाई की भूमिका निभाई थी और भाई द्वारा बहन की शादी में की जाने वाली सभी रस्में भगवान विष्णु ने ही पूरी की थीं। इस मंदिर में स्थित कुंड के बारे में कहा जाता है कि विवाह संस्कार कराने से पूर्व भगवान विष्णु ने इसी कुंड में स्नान किया था।

शिव-पार्वती विवाह में भगवान ब्रह्माजी ने पुरोहित का कार्य किया था और शिव-पार्वती के विवाह संस्कार को संपन्न कराया था। इस मंदिर में वह स्थान आप देख सकते हैं जहां, फेरों के समय शिव-पार्वती ने आसन ग्रहण किया था। साथ ही ब्रह्मकुंड भी इस मंदिर परिसर में स्थित है। कहा जाता है कि ब्रह्मजी ने विवाह संस्कार कराने से पहले इस कुंड में स्नान किया था।

इस मंदिर में स्थित हवन कुंड में हर समय अग्नि जलती रहती है। इस अखंड ज्वाला के बारे में कहा जाता है कि यह उसी समय से जल रही जब शिव-पार्वती के फेरे हुए थे। इसे लगातार प्रज्जवलित रखा जाता है। इस मंदिर में दर्शन करने आनेवाले भक्त इस कुंड की राख (भस्म) को अपने साथ प्रसाद रूप में घर ले जाते हैं और शुभ कार्यों के दौरान इसका टीका लगाते हैं।

इस मंदिर में शिव-पार्वती के फेरों के हवनकुंड से कुछ ही दूरी पर एक स्तंभ बना हुआ है। इस स्तंभ के बारे में कहा जाता है कि शिवजी को विवाह संस्कार में उपहार स्वरूप एक गाय मिली थी। उस गाय को इस स्तंभ से बांधा गया था।

जन धारणा है कि इस मंदिर में विवाह बंधन में बंधने पर नवयुगल के जीवन में खुशी, सामंजस्य और सफलता बनी रहती है। मंदिर के महत्व को देखते हुए यहां कई युगल शादी के बंधन में बंधते हैं। कहा जा रहा है कि भगनवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद अपने बच्चों को दिलाने की इच्छा से ही मुकेश अंबानी आकाश और श्लोका की शादी यहां करा सकते हैं।

आपको बता दें कि मुकेश अंबानी के बेटे आकाश अंबानी अपनी स्कूल टाइम फ्रेंड श्लोका मेहता से शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। श्लोका हीरा व्यापारी रसेल महेता की बेटी हैं और आकाश के ही साथ धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ी हैं। रिलायंस ग्रुप के कुछ अधिकारी इस मंदिर का मुआयना करने आए थे और एक दिन ठहर कर चले गए थे। मंदिर के पुजारी ने विवाह से जुड़ी बातों की पुष्टि नहीं की है लेकिन आकाश अंबानी के बेटे की शादी यहां पर होने की चर्चा जंगल की आग की तरह फैल रही है। वैसे इस स्थान पर शादी को लेकर मान्यता है कि इससे सौभाग्य की उम्र लंबी रहती है और जीवनसाथी के साथ बेहतर तालमेल बना रहता है।

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