पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन, एक नजर उनके सफर पर

संक्षेप:

  • पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन
  • 93 साल के थे अटल बिहारी वाजपेयी
  • एक नजर उनके सफर पर

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज एम्स में निधन हो गया। जहां करीब 2 महीनों से भर्ती थे। वे 93 वर्ष के थे। दरअसल, वाजपेयी को विगत जून महीने में AIIMS में भर्ती कराया गया था।

भारतीय राजनीति के दिग्गज राजनेता, विदेश नीति में संसार भर में सम्मानित कूटनीतिज्ञ, लोकप्रिय जननायक, कुशल प्रशासक, सक्षम और संवेदनशील कवि, लेखक और पत्रकार एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हमारे बीच नहीं रहे। 93 साल की उम्र में नई दिल्ली में उनका निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक ब्राह्मण परिवार में 25 दिसंबर, 1924 को हुआ। उनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेयी था। वाजपेयी ने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज और डीएवी कॉलेज कानपुर से कॉलेज की शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने पॉलिटिकल साइंस से एमए किया।

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एक नजर उनके सफर पर

1993 में कानपुर विवि ने उन्हें दर्शन शास्त्र में पीएचडी की मानद उपाधि दी।
1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में अटल ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया था। इस दौरान वे जेल भी गए। 
वे भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। 
1968-73 तक वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे। 
1977-79 के बीच वे मोरारजी देसाई सरकार में विदेश मंत्री रहे। 
1977-80 तक जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य थे।
1980-86 भाजपा अध्यक्ष रहे। 
1980-84, 1986 और 1993-96 के बीच अटल बिहारी भाजपा संसदीय दल के नेता रहे।
पहली बार 1957 में वे लोकसभा के सदस्य बने थे। 2004 में लखनऊ लोकसभा के लिए चुने गए थे। 
1962-67 और 1986-91 के बीच वे राज्यसभा के सदस्य रहे।
16 मई, 1996 से 31 मई, 1996 तथा 1998-99 और 13 अक्तूबर, 1990 से मई, 2004 तक तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे।

धानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में इन्होंने पाकिस्तान और चीन से संबंध सुधारने हेतु अभूतपूर्व कदम उठाए। अंतरराष्ट्रीय दवाबों के बावजूद गहरी कूटनीति और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करते हुए राजस्थान के पोखरण में परमाणु विस्फोट किया। इसके बाद भारत ने वाजपेयी के कार्यकाल में ही पड़ोसी देश पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल-युद्ध भी जीता। बता दें कि ये लड़ाई 1999 में मई से जुलाई तक चली थी।

अटल बिहारी ने राष्ट्र धर्म (मासिक), पांचजन्य (साप्ताहिक), स्वदेश (दैनिक), और वीर अर्जुन (दैनिक) और अन्य पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया था।

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