एक बार फिर विवादों में मंत्री रेखा आर्य के पति, जानिए क्या है मामला

संक्षेप:

  • एक बार फिर विवादों में मंत्री रेखा आर्य के पति
  • जमीनों की धोखाधड़ी करने का मामला आया सामने
  • गिरधारी लाल साहू बोले- मेरे खिलाफ हो रही साजिश

 

देहरादून: हाल ही में किडनी कांड की वजह से चर्चा में आए महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्या के पति और गिरधारी लाल साहू के खिलाफ जमीनों की धोखाधड़ी के दबे हुए मामले फिर से सामने आ रहे हैं।

चार लोगों ने एसएसपी और एक व्यक्ति ने किच्छा थाने में दस्तावेज के साथ शिकायती पत्र भेजकर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। ये लोग छह साल से लाखों रुपये चुकाकर खरीदे गए भूखंड की दाखिल खारिज और कब्जे को लेकर भटक रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने पुलिस के पास दस्तक दी है।

मंत्री के पति का मामला होने की वजह से पुलिस पर दबाव साफ झलक रहा है। सत्ता बदलने से पहले गिरधारी की गिरफ्तारी के लिए तेजी दिखाने वाली पुलिस अब मामला दर्ज करने में भी कतरा रही है। यही वजह है कि दो माह बीतने के बाद भी मामले जांच में ही अटके हुए हैं।

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जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 में ग्राम चुकटी, किच्छा में करीब 13 एकड़ जमीन पर आवासीय कॉलोनी के नाम पर प्लाट काटकर बेचे गए थे। कई लोगों की प्लाट की दाखिल खारिज आज तक नहीं हो सकी है।

पिछले सालों में जमीनों की धोखाधड़ी के मामले में गिरधारी और सहयोगियों के खिलाफ किच्छा थाने में छह मुकदमे दर्ज हुए थे। कांग्रेस सरकार में रेखा आर्या की बगावत के बाद पुलिस ने गिरधारी को पकड़ने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था, लेकिन सत्ता बदलने के बाद पुलिस खामोश हो गई।

जिस किच्छा थाने में गिरधारी के खिलाफ छह मुकदमे दर्ज हुए थे, वहां गिरधारी के खिलाफ शिकायती पत्र लाने वालों को टकरा दिया गया। मजबूरन लोगों को एसएसपी के पास शिकायती पत्र भेजने पड़े तो जांच शुरू हो सकी।

किच्छा कोतवाल योगेश उपाध्याय कहते हैं कि गिरधारी के खिलाफ दर्ज छह मुकदमों में से तीन पर चार्जशीट लग चुकी है। दो मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट और एक मुकदमे की जांच चल रही है। उन्होंने गिरधारी के मामले में किसी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई नहीं होने को गलत बताया।

वहीं मंत्री रेखा आर्य के पति ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा है कि "मेरे खिलाफ साजिशन शिकायतें करवाई जा रही हैं। जिन जमीनों की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी के आरोप मुझ पर लगाए जा रहे हैं, इनमें किसी चेक, बैनामे पर मेरा नाम ही नहीं है। पूर्व में हरीश रावत सरकार ने मुझ पर द्वेषभावना से छह मुकदमे दर्ज कराए थे। तीन मुकदमे हाइकोर्ट ने रद्द कर दिए हैं। एक मुकदमे में फैसला हो चुका है जबकि दो में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाई है। अगर मुझ पर धोखाधड़ी के आरोप साबित होते हैं तो मैं हर सजा के लिए तैयार हूं।"

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