सीएम रावत: 30 अप्रैल तक पूरी की जाएं चारधाम यात्रा की सभी व्यवस्थाएं, कार्यों का स्वयं स्थलीय निरीक्षण करेंगे

संक्षेप:

  • सीएम रावत ने सोमवार को चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की।
  • आगामी 30 अप्रैल तक सभी व्यवस्थाएं पूर्ण हो- सीएम रावत 
  • मुख्यमंत्री स्वयं कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
  • ओवर रेटिंग करने वालों पर सख्त कारवाई की जाए।

देहरादून।  चार धाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए, उनकी यात्रा को सुव्यवस्थित व सफल बनाने हेतु उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी 30 अप्रैल तक यात्रा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाएं। कार्यों के प्रति किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्यों में तेजी के साथ गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे।

 सीएम ने सचिवों को स्थलीय निरीक्षण कि खुद जांच करने का निर्देश दिया

उन्होंने सभी सचिवों को निर्देश दिए कि समय-समय पर अपने विभागों की कार्य प्रगति का स्थलीय निरीक्षण करें। किसी भी प्रकार की समस्या आने पर शीघ्र अवगत कराया जाये। समस्याओं का उचित समाधान निकाला जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के चारधाम देश एवं दुनिया की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। चार धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से वृद्धि होगी। 
 

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श्रद्धालुओं के लिए एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर सेवा हो 

चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों को हेलीकॉप्टर सेवा सुचारू रूप से मिले, इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था सुचारू रखी जाए। टिकट वितरण में पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा जाए। चारधाम यात्रा के दौरान हेली ऐबुंलेंस सेवा एवं 108 एबुंलेंस की समुचित व्यवस्था हो। केदारनाथ एवं यमुनोत्री में ईसीजी एवं कार्डियोलॉजिस्ट की समय पर तैनाती की जाए। ऑक्सीजन, आईसीयू एवं वेंटिलेटर की भी पर्याप्त व्यवस्था हो। हेमकुंड में भी स्ट्रीट लाईट की उचित व्यवस्था हो। यात्रा सीजन में पर्याप्त वाहनों की व्यवस्था की जाए। यात्रा मार्गों पर जो भी वाहन भेजे जायेंगे, उनका फिटनेस टेस्ट जरूर किया जाए। 

 सड़कों के सुधारीकरण का कार्य हर हाल में पूर्ण किया जाए

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पूर्व सड़कों के सुधारीकरण का कार्य हर हाल में पूर्ण किया जाए। 31 मार्च तक तोताघाटी में सड़क सुधारीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया जाए। यात्रा मार्गों और उसके आस-पास के क्षेत्रों में भी सड़क से सबंधित कार्य ससमय पूर्ण कर लिये जाए। यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए यात्रा मार्गों पर पेयजल, स्वच्छता, साइनेज एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यात्रा मार्गों पर पानी के टैंकर की भी व्यवस्था हो, यात्रा मार्गों पर वाटर एटीएम की व्यवस्था के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। यात्रा मार्गों पर पानी के टैंकर की भी व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जोशीमठ, गौरीकुण्ड से सोनप्रयाग एवं यात्रा की दृष्टि से अन्य प्रभावित स्थानों पर सड़क से सबंधित कार्यों में तेजी लाई जाए।

 ओवर रेटिंग करने वालों पर सख्त कारवाई की जाए

यात्रा के दौरान वाहनों एवं यात्रा मार्गों पर होटल में रेट लिस्ट जरूरी लगी हो। ओवर रेटिंग करने वालों पर सख्त कारवाई की जाए। आपदा से सबंधित संवेदनशील स्थानों पर संसाधनों की पूर्ण व्यवस्था हो। आपदा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाए। यात्रा मार्गों पर पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने सभी सचिवों को निर्देश दिए कि विभागीय कार्य प्रगति की प्रत्येक दूसरे सप्ताह में समीक्षा की जाए। समय-समय पर मुख्यमंत्री कार्यों की प्रगति समीक्षा लेंगे।

  देवस्थानम बोर्ड को लेकर होगी बैठक
वहीं आज चारधाम के तीर्थपुरोहित मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिले। इस दौरान उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग की। जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर विचार करने के लिए तीर्थ पुरोहितों की बैठक बुलाई जाएगी। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल चारधाम यात्रा पुरानी व्यवस्था के तहत ही होगी। चार धामों के तीर्थ पुरोहितों एवं हकहकूकधारियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात कर उनको शुभकामनाएं दी। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जल्दी ही तीर्थ पुरोहितों को आमंत्रित कर वार्ता करेंगे । तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री के देवस्थानम बोर्ड के पुनर्विचार संबंधी संकेत दिए जाने पर भी आभार व्यक्त किया तथा आग्रह किया कि जन भावनाओं का सम्मान करते हुए इस एक्ट को समाप्त किया जाना चाहिए। चारधाम के प्रतिनिधिमंडल में संजीव सेमवाल, डा. बृजेश सती, सुरेश सेमवाल, उमेश सती, प्रवीण ध्यानी, अनुरूद उनियाल, महेश सेमवाल, आलोक आदि शामिल थे।

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