रोडवेज घोटाले और पूर्व कर्मचारियों की मांगों को लेकर ये बोले सीएम रावत

संक्षेप:

  • रोडवेज घोटाला
  • सीएम के सख्त तेवर
  • पूर्व कर्मचारियों की 14 मांगों पर गौर करेंगे सीएम

देहरादून: उत्तराखंड परिवहन विभाग में बीते दिनों 38 लाख रुपए के घोटाले पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर की। आपको बता दें कि इस मामले में 30 संविदा कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव नौकरी से हटा दिया गया है जबकि पांच नियमित कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई की जा रही है।

इस मामले पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्य है कि परिवहन विभाग के कर्मचारी बेईमानी करते हैं। और वो ये सब करते हुए ये भी भूल गए की वो विधायक और सांसदों के नाम पर घोटाला कर रहे हैं।

सीएम ने कहा कि सरकार की जीरो टॉलरेंस का ही नतीजा है, कि 35 में से 30 संविदा कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से नौकरी से हटा दिया गया है। जबकि पांच नियमित कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई की जा रही है। आपको बताते चलें कि हाल ही में सांसदों और विधायकों के नाम पर 15 दिन में  3 लाख 80 हज़ार रुपये के मुफ्त यात्रा का बिल परिवहन विभाग ने शासन को भेज दिया था।

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वहीं रविवार को सेवानिवृत राजकीय पेंशनर्स संगठन उत्तराखंड के चतुर्थ प्रान्तीय महाधिवेशन का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शिरकत की। इस दौरान संगठन ने सीएम के सामने अपनी मांगे रखीं।

सेवानिवृत राजकीय पेंशनर्स संगठन उत्तराखंड के चतुर्थ प्रान्तीय महाधिवेशन कार्यक्रम में मुख्यतिथि के रुप में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहुंचे। इस दौरान यहां भारी संख्या में पहुंचे पूर्व कर्मचारियों ने सीएम से बात की और अपनी मांगों को उनके सामने रखा।

सेवानिवृत राजकीय पेंशनर्स संगठन के प्रदेश महामंत्री पीडी गुप्ता ने बताया कि पूर्व कर्मचारियों का 14 मांगो से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया। वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सेवानिवृत राजकीय पेंशनर्स की पूरी मांगो को गौर से सुना और उन्हें पूरा आश्वासन दिया कि जिन भी मांगो को पूरा किया जा सकेगा, उन्हें किया जायेगा।

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