CM का तर्क, भूकंप ब्लड प्रेशर की तरह; आता रहना चाहिए

संक्षेप:

  • राष्ट्रीय सेमिनार में सीएम त्रिवेंद्र रावत का अजीबोगरीब तर्क
  • सीएम का बयान सुन वैज्ञानिक भी असमंजस में
  • भूकंप की तुलना ब्लड प्रेशर से की

देहरादून। राजधानी दून में हिमालय में आपदा रोधी संरचना पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के समापन के सीएम त्रिवेंद्र ने वहां मौजूद वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कुछ कह दिया जिसे सुनकर वहां मौजूद वैज्ञानिक भी असमंजस में पड़ गए।

बता दें कि बीते दिनों राजधानी देहरादून में हिमालय में आपदा रोधी संरचना पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। जिसमें देश के तमाम भू-वैज्ञानिकों ने अपने विचार रखे और भूकंप को लेकर सभी ने एकमत होकर चिंता जाहिर की। इसी कार्यशाला के समापन के दिन सीएम त्रिवेंद्र ने भूकंप की तुलना मनुष्य के रक्तचाप से करते हुए कहा कि छोटे-छोटे भूकंप आते रहने चाहिए, क्योंकि इससे ऊर्जा रिलीज़ होती रहती है।

हालांकि सेमिनार में आये वैज्ञानिकों ने सीएम की इस बात पर सहमत होने से साफ इंकार कर दिया उन्होंने कहा के वैज्ञानिक रूप से सही नही है। वैज्ञानिकों के मुताबिक छोटे-छोटे भूकंप आना किसी भी सूरत में सही नहीं है, इससे पता चलता है कि पूरा इलाका अस्थिर और दबाव में है।

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वैज्ञानिकों ने भारत और नेपाल में भूकंप के बाद हुए अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा जो ऊर्जा निकल रही है वह जमीन में दबी उर्जा के 2 फ़ीसदी भी नहीं है इसलिए इन छोटे भूकंपों से राहत मिलने की बात बिल्कुल भी सही नहीं है।

हिमालयी इलाकों में भू-वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड में बड़े भूकंप आने की आशंका जताई है। वैज्ञानिकों के शोध के मुताबिक उत्तराखंड में लंबे अरसे से कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है, जिसके कारण हिमालयी भूगर्भीय प्लेटें धीरे-धीरे खिसक रही हैं। जिनकी वजह से उत्तराखंड में बड़े भूकंप की प्रबल संभावनाएं हैं।

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