कांग्रेस की बैठक में पार्टी नेताओं ने दिखाए एक-दूसरे को तेवर

संक्षेप:

  • कांग्रेस की मैराथन बैठक
  • पार्टी के अंदर देखने को मिली गुटबाजी
  • कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कही ये बात

देहरादून: कांग्रेस पार्टी की मैराथन बैठक में पार्टी के अंदर ही गुटबाजी देखने को मिली है। बैठक में नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ जमकर जहर उगला है। उत्तराखंड कांग्रेस के राज्य प्रभारी व AICC महासचिव अनुग्रह नारायण सिंह ने शायद ही कभी सोचा होगा कि उनको कांग्रेस की मैराथन बैठक में ये नजारा देखने को मिलेगा।

दरअसल, अनुग्रह नारायण सिंह 2019 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने, एकजुटता का मूल मंत्र और राहुल गांधी की नसीहत का पाठ पढ़ाने मैराथन बैठक में पहुंचे थे लेकिन नेता अपने-अपने अंदाज में एक-दूसरे पर हमलावर नजर आये।

किसी जमाने में पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव हरीश रावत के करीब माने जाने वाले पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम के खिलाफ रावत समर्थकों ने आज खूब आग उगली है। प्रीतम सिंह को खरी-खोटी सुनाने की शुरुआत पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व जागेश्वर विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने किया। कुंजवाल ने पीसीसी अध्यक्ष के खिलाफ बोलते हुए आरोप लगाया कि प्रीतम सिंह पार्टी के सभी नेताओं को साथ लेकर नहीं चल सकते।

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कुंजवाल ने आरोप लगाया कि प्रीतम सिंह उनके नेता हरीश रावत को कुछ समझते ही नहीं हैं। कुंजवाल के अनुसार क्या प्रदेश अध्यक्ष का फर्ज नहीं बनता था कि रावत जिन्हें पार्टी ने महासचिव नियुक्त किया उनके स्वागत में जौलीग्रांट एयरपोर्ट नहीं पहुंचना चाहिए था।

वहीं, कांग्रेस के नवनियुक्त राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सभी कार्यकर्ताओं को अपने राजनीतिक अनुभव साझा करते हुए संघर्ष में आगे बढ़ने का मंत्र बताया। उन्होंने आह्वान कि आने वाले मिशन 2019 में लोकतंत्र बचाओ और 2022 में उत्तराखंड बचाओ के नारे के साथ आगे बढ़ना है। इस दौरान उन्होंने भाजपा की नीतियों पर भी जमकर प्रहार किया। 

पूर्व सीएम हरीश रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बैठक में संकल्प लिया गया है कि प्रदेश प्रभारी अनुग्रह प्रताप सिंह द्वारा तय किये गये बिन्दुओं पर आगे बढ़ा जायेगा। वहीं, धारचूला से विधायक हरीश धामी भी अंतिम समय में मंच पर बुलाये जाने से खासे नाराज़ दिखे। उन्होंने अनुग्रह प्रताप सिंह से चाटुकार और गुटबाजी में माहिर लोगों को पार्टी से बाहर करने की मांग कर डाली।

उन्होंने कहा कि उन्हें प्रदेश संगठन के मुखिया से कोई एतराज नहीं है। मगर मंच से जब सभी नेताओं के लिये जिंदाबाद के नारे लगाये गये तो ऐसे में हरीश रावत का मंच से नाम नहीं लेना कहीं ना कहीं गुटबाजी का ही परिणाम है, जो कार्यकर्ताओं के मनोबल को गिराता है।

बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आने वाले 2019 के चुनाव एकजुटता से लड़ने को पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बीजेपी पर प्रहार करते हुए कहा कि देश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है। प्रधानमंत्री मोदी देश के लोकतंत्र को खत्म करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मकसद सत्ता हासिल करना नहीं है बल्कि देश का लोकतंत्र बचाना ही पार्टी का मकसद है।

बैठक में पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के भी अलग तेवर देखने को मिले। उन्होंने वनाधिकार कानून को लेकर सभी से सहयोग की अपील की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए पार्टी के प्रति उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। आज भले ही उनके पास कोई पद नहीं है लेकिन कोई उन्हें नाहक छेड़ने की कोशिश ना करे क्योंकि उनका नाम किशोर है।

कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने सभी को गुटबाजी भूलकर एकजुट होने की नसीहत दी, ताकि मिशन 2019 में फतह हासिल की जा सके। बहरहाल, कांग्रेस पार्टी संगठन की मैराथन बैठक में गुटबाजी और चाटुकारिता का मसला छाया रहा। इस दौरान कई वक्ताओं ने कार्यकर्ताओं की अनदेखी का सवाल उठाया।

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