देहरादून के बोर्डिंग स्कूल में छात्रा से गैंगरेप: कई चौंकाने वाले हुए खुलासे, 5 लोग गिरफ्तार

संक्षेप:

  • देहरादून के बोर्डिंग स्कूल में छात्रा से गैंगरेप
  • सामने आई हैरान करने वाली सच्चाई
  • कराया गया था गर्भपात

देहरादून: देहरादून के सहसपुर क्षेत्र के भाऊवाला स्थित एक बोर्डिंग स्कूल में 10वीं की नाबालिग छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना के बाद चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं. हैरानी की बात तो ये है कि पूरे मामले में स्कूल प्रशासन की भूमिका भी संदिग्ध है. पुलिस ने 4 नाबालिग आोरपियों सहित अबतक स्कूल प्रबंधन के 5 लोगों को गिरफ्तार किया है.

मामले में स्कूल डायरेक्टर, प्रिंसिपल, आया, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी और उसकी पत्नी को गिरफ्तार करने के बाद बेहद चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. पुलिस ने इस जघन्य अपराध का खुलासा करते हुए वारदात को अंजाम देने वाले स्कूल के चार नाबालिग छात्रों को पहले ही हिरासत में लिया है और जांच पड़ताल करनी शुरू कर दी है.

जांच अधिकारी प्रभारी नरेश राठौड़ के मुताबिक, कल एसएसपी को मामले की सूचना मिली थी कि सहसपुर के एक बोर्डिंग स्कूल में नाबालिग छात्रा के साथ उसी के स्कूल के कुछ लड़कों ने गैंगरेप किया है. सूचना मिलने के बाद पुलिस, बाल संरक्षण आयोग की टीम मौके पर पहुंची.

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जांच अधिकारी ने बताया कि, बीते महीने 14 अगस्त को हॉस्टल के स्टोर में ही स्कूल के चार नाबालिग छात्रों ने छात्रा का गैंगरेप किया. जब लड़की ने इस बात की जानकारी स्कूल प्रबंधन को दी तो कॉलेज प्रशासन ने पीड़िता पर दबाव बनाया कि वह इस बात का जिक्र किसी से न करे. करीब एक महीने बाद जब लड़की को मासिक धर्म नहीं हुआ तो उसने इसकी जानकारी स्कूल प्रबंधन को दी.

कॉलेज प्रशासन लड़की को डॉक्टर के पास अबॉर्शन कराने के लिए लेकर गए. इस संबंध में जब पीड़िता के परिजनों से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि स्कूल की तरफ से झूठ बोला गया. स्कूल की तरफ से कहा गया था कि बच्ची के पेट में दर्द है और दवाई दिलाने के लिए छात्रा को अस्पताल ले जाया जा रहा है.

पीड़िता के परिजन थाने आए. यहां उन्होंने छात्रा से मामले की जानकारी ली, जिसमें लड़की ने सब सच-सच बताया. जिसके बाद परिजनों ने 9 लोगों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई. जांच अधिकारी नरेश राठौड़ ने बताया कि इतनी बड़ी घटना को स्कूल प्रशासन ने छुपाया और छात्रा पर दबाव बनाया कि वह किसी को मामले की जानकारी न दे. उन्होंने कहा कि, छात्रा का गर्भपात कराने के लिए उसे जबरन दवा खिलाई जा रही थी ताकि मामला रफा-दफा हो सके. 

मामले में स्कूल प्रशासन का बेहद शर्मनाक चेहरा सामने आया है. वारदात को अंजाम सोची-समझी साजिश के तहत दिया गया है, जो बहुत बड़ा अपराध है. वहीं, आज गैंगरेप के चारों नाबालिग छात्रों को जुवेनाइल जस्टिस कोर्ट में पेश किया जाएगा. थाना सहसपुर प्रभारी ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम को छुपाने में स्कूल के डायरेक्टर, प्रिंसिपल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी और उनकी पत्नी सहित स्कूल की आया को भी कोर्ट में पेश किया जायेगा.

स्कूल प्रबंधन सहित पांच अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ सबूत छुपाने और अपराधिक षड्यंत्र रचने में आरोपियों का साथ देने जैसे अन्य मामलों में भी कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

जानकारी के अनुसार, पीड़ित छात्रा के साथ जब गैंगरेप हुआ तो उसने डायरेक्टर के ऑफिस का दरवाजा खटखटाया, लेकिन किसी ने खोला नहीं. यही नहीं गिरफ्तार सभी कर्मचारी अधिकारियों ने उसे स्कूल से निकालने की धमकी भी दी थी, इसी वजह से वह करीब 1 महीने तक चुप रही.

पुलिस जांच में ये भी पता चला है कि छात्रा ने अपने साथ हुई घटना को थोड़ी देर बाद ही हॉस्टल की एक आया को बताया था. इसके बाद आया ने अगले दिन इस बात को स्कूल के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी की पत्नी को बताया.

मुख्य प्रशासनिक अधिकारी की पत्नी ने छात्रा को बुलाया और कहा कि वह चुप रहे नहीं तो उसे स्कूल से निकाल दिया जाएगा. इसके बाद ये बात प्रिंसिपल और डायरेक्टर के पास पहुंची. उन्होंने भी पीड़िता को अपने पास बुलाया और दो टूक कहा कि यह सब उसकी गलती की वजह से हुआ है. 

छात्रा ने पुलिस को बताया कि वह डर की वजह से चुप रही. मासिक धर्म नहीं हुआ तो वह घबरा गई. उसने अपनी सहेलियों से पूछा तो उन्होंने गर्भवती होने जैसी बात बताई. इसके बाद वह डायरेक्टर से मिलना चाह रही थी, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उसे मिलने नहीं दिया. इसके बाद बीते शनिवार को उसे डायरेक्टर ने कमरे में बुलाकर डॉक्टर के पास चलने को कहा था. आपबीती सुनाते हुए उसने बताया कि उसे धमकी दी गई थी कि गर्भपात नहीं कराने पर उसे स्कूल से निकाल दिया जाएगा.

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