उत्तराखंड के जंगलों में अब नहीं हो सकेगा गैर कानूनी काम, जानिए कैसे?

संक्षेप:

  • देश की पहली फॉरेस्ट ड्रोन फोर्स का उत्तराखंड में गठन
  • गैर कानूनी गतिविधियों पर लगेगी लगाम
  • प्रमुख वन संरक्षक ने दिया था आदेश

देहरादून: उत्तराखंड में देश की पहली फॉरेस्ट ड्रोन फोर्स का गठन किया गया है। ड्रोन फोर्स से वन, वन्य जीवों की सुरक्षा, खनन की निगरानी आदि में मदद ली जाएगी। यह वन विभाग और प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

प्रदेश के 71 फीसदी भू-भाग वन भूमि है। यहां जंगलों की सुरक्षा का जिम्मा वन बीट अधिकारी/ आरक्षी, वन दरोगा, निरीक्षक, डिप्टी रेंजर, रेंजर के कंधों पर होता है। दुर्गम और काफी बड़ा क्षेत्र होने से वन कर्मी का उपलब्ध होना संभव नहीं होता है। ऐसे में जंगलों में अवैध कटान, वन्य जीवों के शिकार, अवैध खनन की आशंका बढ़ जाती है। इस वजह से वन विभाग तकनीकी रूप से मजबूत करने के काम में भी जुटा है।

प्रमुख वन संरक्षक ने 21 दिसंबर को फारेस्ट ड्रोन फोर्स के गठन का आदेश दिया था, जिसके बाद फोर्स का गठन किया गया है। वन, वन्यजीवों की सुरक्षा से लेकर अवैध खनन आदि पर निगरानी का काम ड्रोन से होगा। ड्रोन फोर्स के लिए वन कर्मियों को ड्रोन संचालन के लिए तकनीकी तौर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। वर्तमान में वन विभाग के पास 11 ड्रोन है। अधिकारियों के फोर्स वन विभाग के कर्मियों को ड्रोन और उसके संचालन आदि के बारे में जानकारी देंगे।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


साल 2013 में पहली बार तराई पूर्वी वन प्रभाग की गौला रेंज में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। ड्रोन से गौला नदी में खनन और अवैध खनन की निगरानी की गई थी। सकारात्मक परिणाम आने के बाद जंगलों में वन्य जीवों की निगरानी में भी उपयोग किया गया।

फॉरेस्ट ड्रोन फोर्स के मुखिया प्रमुख वन संरक्षक जयराज को बनाया गया। फोर्स में सेंटर फोर ड्रोन एप्लीकेशन एंड रिसर्च के अमित सिन्हा, मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुरेंद्र मेहरा, वन सरंक्षक पश्चिमी वृत्त डॉ. पराग मधुकर धकाते, वन संरक्षक यमुना वृत्त प्रसन्न पात्रो, डीएफओ तराई पूर्वी नीतिश मणि त्रिपाठी शामिल हैं।

वन संरक्षक डॉ. पराग मधुकर धकाते के अनुसार उत्तराखंड में देश की पहली फॉरेस्ट ड्रोन फोर्स बनाई गई है। ड्रोन के उड़ान के लिए डीजीसी ने नियम बनाए हैं उन नियमों को पूरा करने संबंधित सभी औपचारिकता को पूरा किया जा रहा है। ड्रोन फोर्स के गठन से शिकार, अवैध खनन समेत अन्य गैर कानूनी गतिविधियों को रोकने में मदद मिलेगी।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Dehradunकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles