उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में, मैदानी इलाकों के मुकाबले स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति रही ज्यादा

संक्षेप:

  • पहाड़ी जिलों के स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति रही ज्यादा रही
  • दूसरे दिन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 69 प्रतिशत के पार पहुंची
  • रुद्रप्रयाग में छात्र उपस्थिति सर्वाधिक 79 प्रतिशत रही

देहरादून। पिछले साल मार्च से ही बंद स्कूलों को आखिरकार प्रदेश सरकार ने दो अगस्त से ही कक्षा नौ से लेकर 12वीं तक के स्कूलों को फिर संचालित करने की अनुमति प्रदान की है। कोविड की दूसरी लहर के बाद खुले स्कूलों में छात्र- छात्राओं की उपस्थित बढ़ने लगी है। मंगलवार को दूसरे दिन प्रदेशभर में उपस्थिति प्रतिशत 69 पहुंच गई है। पहाड़ी जिलों में मैदान के मुकाबले बच्चों की उपस्थिति ज्यादा रही। सोमवार को पहले दिन स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति कम रही, लेकिन मंगलवार को कुल उपस्थिति 69 प्रतिशत के पार पहुंच गई है। इसमें भी लगातार होती बारिश के बावजूद पहाड़ी जिलों के बच्चों ने स्कूल आने को लेकर खासा उत्साह दिखाया।

इस दौरान रुद्रप्रयाग में छात्र उपस्थिति सर्वाधिक 79 प्रतिशत रही, जबकि चमोली में 72, टिहरी में 70, पौड़ी में 60 और अल्मोड़ा में 55 प्रतिशत छात्रों ने स्कूलों का रुख किया, पहाड़ में एक मात्र उत्तरकाशी जिले में सबसे कम 24 प्रतिशत छात्र ही स्कूल आए। दूसरी तरफ मैदानी जिलों में अपेक्षाकृत कम उपस्थित रही। मंगलवार को देहरादून में छात्र उपस्थिति 41 प्रतिशत रही, जबकि यूएसनगर में 30 और हरिद्वार में 29 प्रतिशत रही।

अधिकारियों ने किया निरीक्षण

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इधर, स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति, पढ़ाई और कोविड एसओपी पालन की जानकारी लेने के लिए शिक्षा विभाग ने मंगलवार को प्रदेशभर में निरीक्षण अभियान चलाया। निदेशक से लेकर बीईओ तक 86 अधिकारियों ने कुल 709 स्कूलों का निरीक्षण किया। कई जगह शिक्षकों की गैरहाजिरी या पढ़ाई में लापरवाही पर चेतावनी भी दी गई। दरअसल, स्कूल खोलने के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दिए जाने के कारण विभाग पर एसओपी पालन को लेकर अतिरिक्त दबाव है। खुद निदेशक सीमा जौनसारी ने देहरादून के चार स्कूलों का निरीक्षण किया, साथ ही कमियों को 15 दिन में दूर करने के निर्देश दिए।

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