पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस से अपने संबंधों को लेकर ये बोलीं जया जेटली

संक्षेप:

  • शनिवार को अपने अपनी किताब पर चर्चा करने आई थी जया
  • बोलीं- तहलका के खुलासे के दौरान हुआ किताब लिखने का मन
  • जॉर्ज फर्नांडिस  को लेकर ये बोलीं जया

देहरादून: बीते शनिवार को वर्ल्ड इंटीग्रिटी सेंटर ( डब्ल्यू आई सी) में समता पार्टी की अध्यक्ष रह चुकी और पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस  की करीबी मानी जाने वाली जया जेटली अपनी किताब `लाइफ अमंग द स्कॉर्पियंस` पर चर्चा करने आई। जिसे आयोजित किया था डब्ल्यू आई सी की अध्यक्ष नाजिया यूसुफ इजुद्दीन ने।

इस चर्चा के दौरान जया जेटली ने बताया कि उन्हें यह किताब लिखने का मन तहलका के खुलासे के दौरान हुआ ,जिस वक्त उन पर भी घूस के आरोप लगे थे। अगर वह लोगों को मौखिक रूप से बताती तो शायद कोई समझ नहीं पता। इसलिए उन्होंने किताब के जरिये अपनी बात लोगो के सामने रखी है।

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इस किताब के जरिये जया ने अपने शुरुआती दौर से लेकर अपने राजनीतिक करियर और जॉर्ज फर्नांडिस की उनके जीवन में महत्त्व और तहलका पत्रिका घटना के प्रभाव से उनके राजनीतिक करियर में गिरावट। इन सभी मुद्दों पर यह किताब रोशनी डालती है।

यह सभी जानते हैं कि जया जेटली का नाम दिल्ली हाट से भी जुड़ा है। जब उनसे उनके क्राफ्ट और आदिवासी लोगों से जुड़ाव के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि उन्हें यह लोग काफी प्रेरित करते हैं क्योंकि यह सभी लोग अपने साथ अपनी सांस्कृतिक धरोहर लेकर चलते हैं। इसलिए अगर देश को आगे बढ़ना है तो हमें सांस्कृतिक समझ को और भी मजबूत करना होगा।

कश्मीर में रहने का अनुभव

इस दौरान उन्होंने बताया कि कश्मीर काफी सुंदर जगह है जो उतार-चढ़ाव के बीच मे झूलता आया है। 1965 में जब अपने पति के साथ जब कश्मीर गयी ( जो IAS के पद पर वहां तैनात थे) तो उस वक़्त वहां पर बिजली के बहुत बेकार हाल थे । हर एक दुकान धुल के चादर में लिपटी हुआ करती थी। हमे कहीं भी अकेले जाने की अनुमति नहीं होती थी। पानी की काफी दिक्कत होती थी और हर वक़्त गोलियों की आवाज। यह सब काफी रोमांचित रहा मेरे लिए। लेकिन मैं ये जरूर कहूंगी की कश्मीरियों ने काफी दुखद और पृथक जीवन जिया है।

राजवंश राजनीति

राजवंश राजनीति के बारे में बोलते हुए जया ने बताया कि वह इसके सख्त खिलाफ है। इमरजेंसी के समय को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह इंदिरा गांधी की सबसे बड़ी गलती थी क्योंकि इसके कारण भारत में हो रखा विकास पूरी तरह से ठप्प हो चुका था। इस तरह के कदम की नेहरू की बेटी से उम्मीद नहीं थी वह भी तब जब भारत को आज़ादी काफी मेहनत के बाद मिली है। हमारा देश नैतिक मूल्य प्रणाली पर आधारित है जो कि हमे गांधी से मिला है और इस बात के लिए कांग्रेस ने खुल कर माफी नहीं मांगी है। राजवंश राजनीति लोकतंत्र के खिलाफ है। आखिर कैसे कोई भी एक परिवार पूरे देश के बारे में निर्णय ले सकते है बजाए औरों की राय लिए?। नीतीश पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वह लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली को स्वीकार नहीं करते हैं।

गांधी जी की उनके जीवन में महत्वता

मेरे हिसाब से वह नैतिक मूल्यों और सच्चाई के एक अनूठे मेल थे और कभी भी काल्पनिक चीजों पर अपना समय व्यय नहीं करते थे। वह महात्मा अपने नाम से नहीं बल्कि अपने कर्मों से थे। आज का युवा उनसे काफी दूर है क्योंकि आज नैतिकता का मूल्य पैसा बन चुका है। शायद यही वजह है कि आज का युवा उन्हें भूलता जा रहा है।

समता का मतलब और अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने की वजह

समता का मतलब है समानता। यानी कि हर रूप से चाहे वह लिंग के आधार पर हो या फिर आर्थिक रूप से । सभी को एक समान अवसर प्रदान करना। त्यागपत्र के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वह कभी भी त्यागपत्र नहीं देना चाहती थी। मेरी ही पार्टी के लोगों ने समझा कि में इस सब मामले से जुड़ी थी तो मुझे भी इस्तीफा देना चाहिए। मेरे लिए इस्तीफा देना ऐसा था मानो अपराध को मानना। लोगों को लगता था की या तो में राजनीतिक शक्ति थी या फिर में ऐसे लोगों से काफी करीब थी क्योंकि लोगों को लगता है कि जो भी टीवी पर आता है वह काफी समृद्ध होता है।

जॉर्ज और उनका रिश्ता

जॉर्ज और मेरे रिश्ते को लोगों ने काफी गलत रूप से देखा। वो हमेशा से मेरे लिए गुरु की तरह थे और हां मैं उन्हें प्यार करती थी जिस तरह उन्हें बाकी आदमी लोग प्यार करते थे। हमारा रिश्ता अलग इसलिए था क्योंकि न मैंने कभी उनसे उनके पद में होते हुए मदद मांगी और न उन्होंने मुझे इस तरह से मदद की। इसके बजाए उन्होंने मूझे धकेला ताकि मैं खुद से सब चीजों को सीख और संभाल सकू। आज अल्जाइमर के कारण वह अपने अस्तिव को भूल चुके हैं। जो जॉर्ज थे पहले वह आज खत्म हो चुके हैं।

`लाइफ अमंग द स्कॉर्पियंस` शीर्षक रखने की वजह

किताब के शीर्षक की वजह के बारे में बताते हुए जया ने बताया कि एक बार उन्होंने एक खबर देखी थी, मलेशियाई लड़की के बारे में जो एक महीने तक बिच्छुओं के साथ एक कमरे ने बन्द थी। उसे 7 बार बिच्छुओं ने काटा था जिनमें से 2 वार जानलेवा थे। पर वह लड़की पूरे एक महीने तक रहने के बाद भी जीवित रही और दो बिच्छू उनके दोस्त बने। उसी तरह ही भारतीय राजनीति भी बिछुओं से भरे एक बंद कमरे की तरह है जहां जॉर्ज जो कि थे उसी श्रेणी के लेकिन एक दोस्त के रूप में उभर कर आये।

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