केदारनाथ त्रासदी के 5 साल पूरे, जानिए कितना बदली 'केदारघाटी'

संक्षेप:

  • केदारनाथ त्रासदी के पांच साल पूरे
  • त्रासदी में हुई थी हजारों लोगों की मौत
  • पांच सालों में बहुत कुछ बदल चूका केदारघाटी में

देहरादूनः केदारनाथ घाटी में 16 जून 2013 को हुई भीषण त्रासदी के पांच साल बीत गए। हजारों लोगों की मौत और तबाही के उस दर्दनाक मंजर के बाद कुछ ऐसी घटनाएं हुईं जो इंसानियत को शर्मसार कर गईं। आपदा के बाद लोगों की मजबूरी का फायदा कई लोगों ने उठाया था।

उत्तराखंड प्रदेश के अधिकारी भी आपदा से पैसा बनाने से नहीं चूके और तहस-नहस हो चुके केदारनाथ शहर के पुनर्निर्माण कार्यों में करोड़ों का घोटाला कर दिया। खैर, ये हुई बीती बाते। चलिए जानते हैं की उस त्रासदी के बाद केदारनाथ में क्या-क्या बदलाव हुए।

16/17 जून वर्ष 2013 की विनाशकारी आपदा को पूरे पांच साल बीत चुके हैं। बीते पांच सालों में केदारनाथ धाम में बहुत सारा बदलाव हुआ। धाम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट निर्माण कार्य चल रहा है। पांचवे साल की केदारनाथ यात्रा में यात्रा के सभी पुराने रिकार्ड टूटे हैं।

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आपदा के बाद पहली बार इस बार केदारनाथ में यात्रियों की भीड़ उमड़ी है। मात्र एक माह के समय में लगभग पांच लाख तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किये हैं।
हालांकि केदारनाथ को छोड़ दिया जाय तो अन्य क्षेत्रों की आज भी दयनीय स्थिति बनी हुई है। केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में आपदा के पांचवे साल निर्माण कार्य शुरू हुआ है।

अब कुछ इस तरह से दिखता है केदारनाथ

आपदा के बाद केदारनाथ में काफी कुछ पहले जैसा नहीं रहा। काफी कुछ बदल गया है। पहले जहां संकरी गली दिखती थी, अब 50 फीट चौड़ी रोड से श्रद्धालु आखिरी पंक्ति में भी खड़े होकर बाबा के दर्शन कर सकता है। केदारनाथ में चारों ओर से सुरक्षा दीवारें बनाये जा रही हैं। मंदिर के पिछले हिस्से में दीवारों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। साथ ही केदारनाथ में मंदाकिनी और सरस्वती नदी के संगम स्थल पर तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिये भव्य तरीके से घाटों का भी निर्माण किया गया है।

2017 से केदारनाथ में वीआईपी की संख्या बढ़ी है

आपदा के बाद वर्ष 2017 से केदारनाथ में वीआईपी की संख्या बढ़ी है। केदारनाथ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही राष्ट्रपति और अन्य केन्द्रीय नेता केदारनाथ पहुंचे। जिससे देश-विदेश के यात्रियों में यात्रा को लेकर अच्छा संदेश गया।

कुण्ड अभी भी नहीं हुआ निर्माण
केदरानाथ में निर्माण कार्य तो हो रहे हैं, लेकिन यात्रा के मुख्य शिविर गौरीकुंड में किसी भी प्रकार के कार्य नहीं हुए। पांचवे साल में अब जाकर मंदाकिनी नदी के किनारे सुरक्षा दीवारों का निर्माण कार्य शुरू किया गया है, लेकिन यह निर्माण कार्य भी सवालों के घेरे में है।

इसके अतिरिक्त गौरीकुंड में गर्म कुण्ड और तर्पण कुण्ड की अभी तक सुध नहीं ली गई है। कभी यात्री गौरीकुंड में स्थित गर्म कुण्ड में स्नान करके केदारनाथ की यात्रा शुरू करते थे, लेकिन अभी तक गौरीकुंड में गर्म कुण्ड का निर्माण नहीं हो पाया है।

रामबाड़ा से केदारनाथ के लिए पैदल मार्ग का निर्माण

आपदा के समय रामबाड़ा से आगे केदारनाथ पैदल मार्ग का नामोनिशान तक मिट गया था। जिसके बाद रामबाड़ा से केदारनाथ के लिये नये पैदल मार्ग का निर्माण किया गया, जिससे पैदल मार्ग की दूरी भी अधिक बढ़ गई। इस बार रामबाड़ा से आगे पैदल मार्ग का चौड़ीकरण किया गया है।

 

 

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