जकार्ता में भारत बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने किया कमाल, जीता गोल्ड

संक्षेप:

  • अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन ने रचा इतिहास
  • एशियन जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में 53 साल बाद जीता गोल्ड
  • अल्मोड़ा में खुशी की लहर

देहरादून: भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने जकार्ता में आयोजित एशियन जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप 2018 में रविवार को एकल वर्ग का खिताब जीतकर नया इतिहास रचा है।

लक्ष्य सेन ने जैसे ही खिताब जीता उनके गृह जनपद अल्मोड़ा में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। अल्मोड़ा में खेल प्रमियों ने पटाखे जलाकर और मिठाई बांटकर लक्ष्य की जीत का जश्न मनाया।

अल्मोड़ा के चैघानपाटा के खेल प्रेमियों ने लक्ष्य की इस ऐतिहासिक जीत पर आतिशबाजी और मिष्ठान बांटकर अपनी खुशी का इजहार किया। उनका कहना है कि किसी भारतीय ने 53 साल बाद इस खिताब को जीता है। स्वर्ण पदक अपने नाम कर इतिहास रचने वाले लक्ष्य ने अल्मोड़ा के साथ ही देश का भी नाम रोशन किया है।

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आपको बता दें कि लक्ष्‍य ने एकल वर्ग के फाइनल में थाईलैंड के कुंलावुत वितिद्सर्न को सीधे सेटों में 21-19 व 21-19 से हराया है। एकल वर्ग खिताब जीतने वाले वह दूसरे भारतीय हैं। इससे पहले 1965 में गौतम ठक्कर ने भारत के लिए यह खिताब जीता था। लक्ष्य के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर उत्तरांचल स्टेट बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार के साथ उनके गृह जनपद अल्मोड़ा में भी खेल प्रेमियों ने खुशी जताई।

अल्मोड़ा के रहने वाले लक्ष्य सेन को बैडमिंटन का हुनर विरासत में मिला है। लक्ष्य के दादा भी अपने समय के बेहतरीन शटलर थे। वहीं, पिता डीके सेन भारतीय खेल प्राधिकरण में बैडमिंटन के प्रशिक्षक रह चुके हैं। अब वह लक्ष्य के कोच हैं।

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