सीएम योगी पर लगा अमरमणि त्रिपाठी को लेकर बड़ा आरोप, जानिए पूरी कहानी

संक्षेप:

  • अमरमणि त्रिपाठी ने लगाई उत्तराखण्ड के राज्यपाल से रिहाई की गुहार
  • यूपी सरकार से उत्तराखण्ड सरकार ने मांगी रिपोर्ट
  • मधुमिता की बहन निधि ने लगाए कई गंभीर आरोप

देहरादून: उत्तराखण्ड के राज्यपाल के के पॉल से उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी ने रिहाई की गुहार लगाई है। जिसके बाद उत्तराखण्ड सरकार ने यूपी सरकार पर इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। इस पूरे मामले में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का भी नाम आ रहा है।

वहीं मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने कहा कि अमरमणि पूरी तरह से स्वस्थ है और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का पूरा संरक्षण मिला हुआ है। मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी की दया याचिका को उात्तराखंड के राज्यपाल से खारिज करने की मांग की है। एक बार फिर यह मामला सुर्खियों में है।

2003 में कवियत्री मधुमिता शुक्ला की लखनऊ में हुई हत्या के मामले में साजिश रचने का आरोप सिद्ध पाए जाने पर पूर्व मंत्री अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को उत्तराखण्ड की कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सजा के बाद कुछ दिन तक दोनों हरिद्वार के जेल में रहे। बाद में चार दिसम्बर 2008 को मधुमणि पहले गोरखपुर जेल में शिफ्ट करी गईं, उसके बाद 13 मार्च 2012 को अमरमणि को यहां शिफ्ट किया गया। बीमारी का हवाला और बेहतर इलाज के लिए दोनों यहां आए और इसी जेल में रुक गए थे।

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उम्र और बीमारी का हवाला देते हुए पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी ने उत्तराखण्ड के राज्यपाल से रिहाई की गुहार लगाई है। विधायक बेटे अमन ने भी अपने पैड पर चिट्ठी लिखकर मां-बाप की रिहाई की अपील की है। उत्तराखण्ड सरकार ने यूपी सरकार पर इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। इसके तहत दोनों की क्राइम हिस्ट्री और मेडिकल रिपोर्ट को मांगा गया है। फिलहाल रिहाई में आगे की कार्रवाई पूरी करने के लिए उन्हें उत्तराखण्ड जेल शिफ्ट किया जा सकता है।

राज्यपाल से रिहाई की गुहार लगाने के मामले पर मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि दोनों हत्यारोपी पति-पत्नी को किसी तरह की दया नहीं मिलनी चाहिए। निधि शुक्ला ने राज्यपाल से अपील कि की उनकी दया याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए।

निधि ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के साथ-साथ उत्तराखंड जेल प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं। निधि शुक्ला का कहना है अमरमणि त्रिपाठी ने राज्यपाल के यहां जो याचिका दायर की है उसमें उन्होंने उम्र और स्वास्थ्य ठीक नहीं होने का जिक्र किया है, लेकिन सवाल यह उठता है कि वह जेल में कब रहे हैं। गोरखपुर जेल में शिफ्ट होने के बाद अमरमणि अपना गैंग चला रहा है।

निधि शुक्ला ने देहरादून में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि अमरमणि त्रिपाठी अभी भी पूरी तरह से स्वस्थ है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संरक्षण मिला हुआ है। निधि शुक्ला ने कहा कि उत्तराखंड जेल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका कैदी कहां पर है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी और उसकी पत्नी को उत्तराखंड की हरिद्वार जेल में शिफ्ट किया था।

लिहाजा वह कैदी उत्तराखंड का है, इसलिए उत्तराखंड जेल प्रशासन और शासन को यह देखना चाहिए कि वह 4 साल से राज्य से बाहर है और कोई इस बारे में बात तक करने के लिए तैयार नहीं है। निधि शुक्ला ने कहा है कि पूर्व की सरकार ने जिस तरह से अमरमणि त्रिपाठी को संरक्षण दिया उसी तरह से अब योगी सरकार भी इस मामले में चुप बैठी है।

योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए निधि शुक्ला ने कहा कि गोरखपुर के ही अस्पताल से अमरमणि अपनी राजनीति कर रहा है, जबकि जिस अस्पताल में वह भर्ती है वहां के डॉक्टर मिलीभगत कर उससे बीमार दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की तरह ही अब योगी सरकार भी अपराधियों को बढ़ावा दे रही है।

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