मुस्लिम युवक ने रोजा तोड़कर बचाई हिंदू लड़की की जान, आप भी कर सकते हैं मदद

संक्षेप:

  • रमजान के पवित्र महीने में शख्स ने किया नेक काम
  • रोजा तोड़कर किया रक्त दान
  • आप भी कर सकते हैं मदद

देहरादून: इस समय रमजान का पवित्र महीना चल रहा है जिसमें इंसानियत और भाईचारे की कई मिसाल देखने को मिली है। अब ऐसा ही एक मामला सामने है देहरादून से।

दरअसल यहां श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के आईसीयू में भर्ती सहारनपुर जिले के एक गांव की नेहा कश्यप (16) को सॉफ्टवेयर कंपनी संचालक जैन काजी ने रोजा तोड़कर अपना रक्त दान किया। हालांकि सीवियर एनीमिया (खून की भारी कमी) के चलते नेहा की हालत अभी स्थिर बनी हुई है। उसको अभी और खून की जरूरत है। 

श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के मीडिया कॉर्डिनेटर भूपेंद्र रतूड़ी के मुताबिक सहारनपुर जिले के गांव मुल्लापुर निवासी अनिल कश्यप की 16 वर्षीय बेटी नेहा को 28 मई को टाइफाइड के चलते अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था।

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बुधवार को उसकी हालत खराब होने के चलते खून की जरूरत पड़ी, लेकिन शहर के ब्लड बैंकों में बी नेगेटिव ग्रुप का रक्त नहीं मिला। इसके बाद बी नेगेटिव ग्रुप वाले व्यक्ति की तलाश की गई।

एक ब्लड बैंक से उन्हें टर्नर रोड निवासी जैन काजी (24) का मोबाइल नंबर मिला। उन्होंने उनसे संपर्क किया, तो पता चला कि वे रोजे से हैं। उनके आग्रह पर जैन काजी आधा घंटे बाद ही अस्पताल पहुंच गए और डॉक्टरों की सलाह पर रोजा तोड़कर किशोरी के लिए रक्तदान किया। अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर्स, किशोरी के दादा तेजपाल सिंह, पिता अनिल और अन्य लोगों ने उनकी सराहना की। 

वहीं, जैन काजी ने बताया कि जैसे ही उन्हें अस्पताल से फोन आया, उन्होंने इस बाबत अपने पिता रहबर अनवर और माता सलमा रहबर से बात की। माता-पिता ने नेक काम के लिए तुरंत इजाजत दे दी और वह रक्तदान करने के लिए अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ  इंसानियत में यकीन रखता हूं। कुछ सियासी लोगों ने हमें बांट दिया है। ऐसे लोगों से सतर्क रहना चाहिए। सभी को एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।

जैन काजी ने बताया कि वह मूल रूप से सहारनपुर के रहने वाले हैं, चार साल से यही रह रहे हैं और ग्राफिक एरा से बीबीए करने बाद अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी चला रहे हैं। वह इससे पहले भी 15 बार रक्तदान कर चुके हैं।

 मुफ्ती सलीम अहमद कासमी का कहना है कि किसी इंसान की जान बचाने के लिए रोजा तोड़ा जा सकता है। रोजा तोड़कर किसी की जान बचाने के लिए रक्तदान करना बहुत नेक काम है। अल्लाह ऐसे बंदे से खुश होता है और उसको रोजे से भी कई गुना ज्यादा सवाब अता फरमाता है। 

खून की कमी के चलते जिंदगी की जंग लड़ रही नेहा कश्यप को इस वक्त रक्त की बेहद जरूरत है। नेहा का ब्लड ग्रुप बी नेगेटिव है। बी नेगेटिव ग्रुप की शहर के ब्लड बैंकों में बहुत कमी है और डोनर भी गिनती के हैं।

ऐसे में यदि आपका ब्लड ग्रुप बी नेगेटिव है, तो आप भी नेहा के लिए रक्तदान कर उसकी जान बचा सकते हैं। यह पुण्य का कार्य होगा। रक्तदान करने के लिए आप नेहा के दादा तेजपाल सिंह के मो. नंबर 9760213666 और श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के मीडिया कॉर्डिनेटर भूपेंद्र रतूड़ी के नंबर 9997960544 पर संपर्क कर सकते हैं। 

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