उत्तराखंड के सभी विश्वविद्यालयों में अगले सत्र से लागू होगी नई शिक्षा नीति, उच्च शिक्षा मंत्री ने की घोषणा

संक्षेप:

  • प्रदेश में 2022-23 से नई शिक्षा नीति लागू होगी
  • इस पर काम के लिए योजनाबद्ध तरीके से समिति का हुआ गठन 
  • नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का ड्रॉफ्ट आए हुए एक वर्ष 

देहरादून। उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत दून विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति पर अमल एवं पाठ्यक्रम तय करने को लेकर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। जहां उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सभी विश्वविद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2022-23 से नई शिक्षा नीति लागू होगी। साथ ही योजनाबद्ध तरीके से समिति का गठन किया गया है। मंत्री ने कहा कि इसके तहत विभिन्न कोर्सों के पाठ्यक्रम तैयार किए जाएंगे जो शिक्षा नीति की मूल आत्मा के अनुरूप एवं व्यवहारिक होने के साथ-साथ रोजगारपरक भी होंगे। 

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का ड्रॉफ्ट आए हुए एक वर्ष 

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का ड्रॉफ्ट आए हुए एक वर्ष हो चुका है। जिसे जल्द लागू किए जाने की आवश्यकता है। इस नीति के दूरगामी प्रभाव है। उन्होंने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, निदेशक, सभी विभागाध्यक्ष एवं अध्यापक नई शिक्षा नीति पर योजनाबद्ध तरीके से युद्ध स्तर पर काम करें।

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इसके लिए उन्होंने पांचों विश्वविद्यालयों को आपस में तालमेल बनाकर काम शुरू करने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य में नई नीति के तहत क्रेडिट ट्रांसफर, क्रेडिट बैंक, डिजिटल मार्कशीट एवं सर्टिफिकेट आदि पर पहले से ही काम चल रहा है। ऐसे में विश्वविद्यालयों को अपने संसाधनों का इस्तेमाल कर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जल्द लागू करने की आवश्यकता है ताकि छात्र-छात्राओं को इसका फायदा मिल सके। 

कार्यशाला में नई शिक्षा नीति पाठ्यक्रम तैयार करने वाली कमेटी एवं कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नीति में कौशल विकास, विषयों के चुनने में सहजता, ऑनलाइन कोर्सेज को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। कार्यशाला में कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी, प्रो. पीपी ध्यानी, प्रो. एनके जोशी, प्रो. सुरेखा डंगवाल, प्रो. एनएस. भंडारी, सलाहकार रूसा प्रो. केडी. पुरोहित, प्रो. एमएसएम रावत, कुलसचिव डॉ. एमएस मद्रवाल, प्रो. कुसुम अरुणांचलम, प्रो. एचसी. पुरोहित, प्रो. आरपी ममंगाईं, प्रो. आशीष कुमार, प्रो. हर्ष डोभाल, डॉ. दिनेश शर्मा, डॉ. हरे कृष्ण, प्रो. दिनेश चंद्र गोस्वामी, प्रो. शेखर जोशी आदि मौजूद रहे। 

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