NH-74 घोटाले के आरोपी डीपी सिंह ने किया नाटकीय अंदाज में सरेंडर

संक्षेप:

  • NH-74 घोटाले का मामला
  • एसएसपी ऑफिस पहुंचा डीपी सिंह
  • डीपी सिंह ने किया सरेंडर

देहरादून: कुमाऊं के एनएच 74 घोटाले में मुख्य आरोपी निलंबित पीसीएस अधिकारी डीपी सिंह ने गुरूवार को अपने वकीलों के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और एसआइटी के समक्ष सरेंडर कर दिया है।

एनएच 74 घोटाला मामले में मुख्य आरोपी डीपी सिंह नाटकीय अंदाज में एसएसपी ऑफिस उधम सिंह नगर पहुंचकर खुद को सरेंडर किया। किसी भी अधिकारी को जिसकी भनक तक नहीं लग पाई। बता दें कि डीपी सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस व एसआइटी की टीम जगह-जगह छापेमारी कर रही थी। लेकिन एस तरह अचानक एसएसपी ऑफिस पहुंच खुद को सरेंडर करने से हर कोई हैरान है।

आपको बता दें कि कुमाउं एनएच-74 घोटाला मामले में इससे पहले 8 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। मामले में एसआइटी की टीम ने निलंबित पीसीएस अधिकारी भगत सिंह फोनिया समेत आठ लोगों पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। पहले गिरफ्तार 8 आरोपियों में जसपुर के निलंबित संग्रह अमीन अनिल कुमार, तत्कालीन तहसीलदार मदन मोहन पलड़िया, रिटायर प्रभारी तहसीलदार भोले लाल, जसपुर तहसील के अनुसेवक रामसमुझ, स्टांप बेंडर जीशान सहित किसान ओमप्रकाश, चरण सिंह व निलंबित पीसीएस अधिकारी भगत सिंह फोनिया का नाम शामिल है।

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गौर हो कि मार्च 2017 में पद संभालने के तुरंत बाद ही सीएम त्रिवेंद्र ने तत्कालीन कुमांऊ कमिश्नर डी सेंथिल पांडियन की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए, 3 एसडीएम समेत कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया था और मामले की जांच सीबीआई से कराने की घोषणा की थी। लेकिन उसके बाद केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने चिट्ठी लिखकर जांच पर सवाल उठाए थे। गडकरी ने एनएच के अधिकारियों के बचाव में चिट्ठी में लिखा था कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की जरूरत नहीं है। ऐसा करने से अधिकारियों का मनोबल घटेगा। इससे इनके काम में असर पड़ेगा।

एनएच-74 उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र को पश्चिमी यूपी से जोड़ता है। आरोप ये है कि हाई-वे के चौड़ीकरण के लिये जो जमीन का अधिग्रहण किया गया था उसमें 300 करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ। जांच में पता चला कि कृषि भूमि को बैकडेट में गैर कृषि दिखाया गया और फिर इसका मुआवजा कई गुना बढ़ा दिया गया। तत्कालीन कुमाऊं कमिश्नर डी सेंथिल पांडियन की अध्यक्षता में बनी कमेटी की जांच में सामने आया कि संबंधित तहसीलों में तीन सौ करोड़ से ज्यादा का घपला हुआ है।

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