लखवाड़ परियोजना पर 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मंजूरी, अब दूर होगी पानी की कमी

संक्षेप:

  • 3966.51 करोड़ रुपये की लागत वाली लखवाड़ परियोजना पर समझौता
  • नितिन गडकरी समेत 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने किया MOU पर हस्ताक्षर
  • 6 राज्यों में पानी की कमी की समसस्या होगी दूर

देहरादून के पास यमुना बेसिन क्षेत्र में करीब 4 हजार करोड़ रुपए की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना के लिए मंगलवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समेत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, उत्तराखंड के त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरियाणा के मनोहर लाल, हिमाचल प्रदेश के जयराम ठाकुर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। आपको बता दें कि इस परियोजना से 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा और  33,780 हेक्टेयर भूमि के लिए सिंचाई की व्यवस्था होगी और 78.83 एमसीएम पानी उपलब्ध होगा।

इस दौरान नितिन गडकरी ने जानकारी देते हुए बताया कि लखवाड़ परियोजना छह राज्यों के बीच शुरू हो रही है। जनवरी से मई महीने में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पानी की कमी की समस्या रहती है, लेकिन इस परियोजना से पानी की दिक्कत को दूर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इससे यमुना की भंडारण क्षमता में 65 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान है। उत्तराखंड जब बिजली तैयार करेगा, उस समय उसका पानी यमुना में आयेगा। इससे 20..25 साल तक दिल्ली में पानी की समस्या नहीं रहेगी।

गडकरी ने कहा कि इस परियोजना को 1976 में मंजूरी मिली थी और 30 प्रतिशत काम भी हुआ था, लेकिन राज्यों के बीच सहमति नहीं बनने के कारण अनेक परियोजनाओं को मंजूरी मिलने के बाद भी पूरा नहीं किया जा सका है। इसके कारण 20 साल, 25 साल तक पानी से वंचित रहना पड़ा है। लेकिन अब 3966.51 करोड़ रुपये की लागत वाली लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण को सहमति बन गई है तो जल्द ही काम भी शुरू किया जायेगा।

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उन्होंने कहा कि लखवाड़ परियोजना के तहत उत्तराखंड में देहरादून जिले के लोहारी गांव के पास यमुना नदी पर 204 मीटर ऊंचा कांक्रीट का बांध बनाया जाना है। बांध की जल संग्रहण क्षमता 330.66 एमसीएम होगी। इससे 33,780 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा सकेगी। इसके अलावा इससे यमुना बेसिन क्षेत्र वाले छह राज्यों में घरेलू तथा औद्योगिक इस्तेमाल और पीने के लिए 78.83 एमसीएम पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा। परियोजना से 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। परियोजना निर्माण का काम उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड करेगा।

 

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