रासुका: राराष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ पूर्व सीएम हरीश रावत ने रखा मौन उपवास

संक्षेप:

  • पूर्व सीएम हरीश रावत ने रखा मौन उपवास
  • भाजपा को किसी के दुखदर्द से सरोकार नहीं: हरीश रावत
  • राज्य के सभी डीएम को रासुका का इस्तेमाल करने के मिले अधिकार

देहरादून। उत्तराखंड में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ नेताओं ने मोर्चा खोल दिया हैं। वहीं इस कानून के खिलाफ सीएम हरीश रावत ने एक घंटे का मौन उपवास कर विरोध जताया। बीते रोज रावत किसानों के समर्थन में मौन उपवास पर बैठे थे।

भाजपा को किसी के दुखदर्द से सरोकार नहीं: हरीश रावत

मंगलवार सुबह रावत ने अपने दिल्ली स्थित आवास पर एक घंटे तक मौन उपवास पर रहे। बाद में रावत ने कहा कि सरकार क्यों रासुका लगा रही है? क्या सरकार अपने ही लोगों से डरी हुई है। जो रासुका जैसा गंभीर कानून ला रही है। सरकार तो अपने लोगों के दुखदर्द को दूर करने, उनकी पीड़ा को समझने के लिए होती है। लेकिन भाजपा को तो किसी के दुखदर्द से सरोकार ही नहीं है। जब कोई अपनी पीड़ा को लेकर आवाज उठाता है तो उसे कुचनले की कोशिश की जाती है। अब रासुका भी भाजपा की इसी जनविरोधी रणनीति का हिस्सा है।

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राज्य के सभी डीएम को रासुका का इस्तेमाल करने के मिले अधिकार

रावत ने आरोप लगाया कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में विपक्ष को पीड़ित परिवारों से मिलने से रोका जा रहा है। राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की तारीफ करते हुए रावत ने कहा कि आम आदमी, गरीब, किसान के लिए उनके संघर्ष को नमन। किसी भी सरकार की हिम्मत नहीं है जो जनता के हित में कांग्रेस के आगे बढ़ते कदमों को रोक पाए। बता दें कि सरकार ने बीते रोज राज्य के सभी डीएम को रासुका का इस्तेमाल करने के अधिकार दे दिए हैं। यह विशेष व्यवस्था दिसंबर तक लागू की गई है।

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