सचिन तेंदुलकर के दोस्त संजय नारंग के लिए बुरी ख़बर, खाली करना होगा बंगला

संक्षेप:

  • सचिन तेंदुलकर के दोस्त को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका
  • 12 दिनों के अंदर डहलिया बैंक हाउस को खाली करने के निर्देश
  • मसूरी आकर दोस्त संजय नारंग के यहां ठहरते हैं सचिन तेंदुलकर 

 

 

देहरादून: क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के दोस्त और बिजनेस पाटर्नर संजय नारंग को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट में संजय की स्पेशल पिटिशन को खारिज करते हुए उन्हें 12 दिनों के अंदर डहलिया बैंक हाउस को खाली करने के निर्देश दिये हैं।

दरअसल, सचिन तेंदुलकर मसूरी में आकर जिस दोस्त संजय नारंग के यहां ठहरते हैं, उन्होंने बीते दिनों मसूरी में एक आलीशान बंगला बनवाया था। लेकिन ये बंगला पर्यावरण और अन्य मानकों पर खरा नहीं उतर पाया। जिसके चलते इस बंगले को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। 

याचिका में बताया गया था कि कैंट बोर्ड मसूरी ने उनके डहलिया बैंक हाउस परिसर में मरम्मत व अन्य निर्माण कार्य के ध्वस्तीकरण का आदेश दिया है। याचिका में कहा गया था कि पुनर्निर्माण कार्य कैंट बोर्ड से मिली अनुमति के बाद किया गया था। इसके बाद कैंट प्रशासन की ओर से इसके ध्वस्तीकरण का आदेश नियम के खिलाफ है। ध्वस्तीकरण के आदेश के पहले याची को नियमानुसार कोई नोटिस भी नहीं दिया गया है।

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इसपर फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने कहा था कि ये बंगला बिना केंद्र सरकार की अनुमति के 2008 में अंग्रेज आरएल दुग्गल से खरीदी गई प्रॉपर्टी को दाखिल खारिज किए बिना 28 हजार वर्ग मीटर भूमि पर बंगले का फिर से निर्माण किया गया है, जो सही नहीं है। इसलिये कोर्ट ने भवन को तत्काल प्रभाव से ध्वस्त करने का आदेश दिया था।

गौर हो कि मसूरी निवासी संजय नारंग ने वर्ष 2008 में आरएल दुग्गल से यह संपत्ति खरीदी थी। यह संपत्ति कैंट बोर्ड के अधीन आती है। हालांकि इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति नहीं ली गई। इस कारण जमीन का दाखिल-खारिज नहीं हो सका। नारंग ने लंढौरा कैंट बोर्ड से वर्ष 2009 में भवन में मरम्मत और अन्य सुधार की मंजूरी मांगी। बाद में मामले में सिविल वाद दायर हुआ, जिसमें नारंग हार गए। मामले में कैंट बोर्ड ने 2014 में संबंधित भूमि पर कराए गए नवनिर्माण को ध्वस्त कराने का आदेश दे दिया।

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