उत्तराखंड में बारिश से हुए भूस्खलन की घटनाओं में अबतक 46 लोगों की हुई मौत, 11 हैं लापता

संक्षेप:

  • भूस्खलन की घटनाओं में अबतक 46 लोगों की हुई मौत
  • सबसे ज्यादा नैनीताल जिले में 25 लोगों ने गंवाई अपनी जान 
  • जान गंवाने वालों के आश्रितों को मिलेगा चार लाख का मुआवजा

देहरादून। उत्तराखंड में बादल फटने से हुए भूस्खलन की घटनाओं में अबतक 46 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 11 लोग तक लापता हैं। इसके अलावा 12 लोग घायल हैं। सबसे ज्यादा नैनीताल जिले में 25 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। मरने वालों में यूपी-बिहार के 14 मजदूर भी शामिल हैं। नैनीताल तक जाने वाली तीन सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह से ठप है। 

जान गंवाने वालों के आश्रितों को मिलेगा चार लाख का मुआवजा 

जिले के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है। मलबे में अभी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। बारिश की वजह से उपजे हालात से निपटने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मोर्चा संभाला हुआ है। उन्होंने जान गंवाने वालों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। आज भी राहत और बचाव का कार्य जारी रहेगा। ऐसी संभावना है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।

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नैनीताल में बारिश के बाद सामान्य होने लगे हालात

नैनीताल में बीते 36 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश के बाद अब जनजीवन सामान्य होने लगा है। जिले के अधिकांश सड़क मार्ग अभी भी बंद है जिनको खोलने का लगातार लोक निर्माण विभाग और एनएच के द्वारा कार्य किया जा रहा है। नैनीताल भवाली राज्य मार्ग पाइनस के पास मालवा आने से बंद रहा जिससे 1 घंटे तक आवाजाही ठप रही जिसके बाद लोक निर्माण विभाग के द्वारा जेसीबी के माध्यम से सड़क को खोल कर आवाजाही शुरू करवाई। वहीं भवाली राज्य मार्ग में जगह-जगह मलवा आ रहा है जिससे यात्रियों को खतरा बना हुआ है। लोक निर्माण विभाग के द्वारा हल्द्वानी हमारी राष्ट्रीय राजमार्ग को यातायात के लिए सुचारू करवा दिया है और जिन-जिन जगहों पर मलबा आ रहा है उन्हें हटाने का काम भी किया जा रहा है।

वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टर कर रहे हैं राहत और बचाव कार्य

भारतीय वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टर्स को राहत और बचाव कार्यों में लगाया गया है। इनमें से दो हेलिकॉप्टर को नैनीताल में तैनात किया गया है। यह जिला बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यहां सड़कों से मलबा हटाने का काम जारी है।

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