पढ़िए उत्तराखंड से जुड़ी श्रीदेवी की 3 कहानियां

संक्षेप:

  • श्रीदेवी का दुबई में निधन
  • इस फिल्म की शूटिंग के लिए उत्तराखंड आई थी श्रीदेवी
  • ऋषिकेश में बिताए थे 2 दिन

देहरादून: 24 फरवरी की रात बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी का निधन हो गया। अपनी अदाकारी से सबको दीवाना बनाने वाली श्रीदेवी विनोद खन्ना के साथ इस रोमांटिक गीत को फिल्माने के बाद इस जगह की दीवानी हो गईं थी।

पहली कहानी

जहां नब्बे के दशक में बॉलीवुड की फिल्म फरिश्ते की शूटिंग के दौरान अभिनेत्री श्रीदेवी उत्तराखंड के कैंपटी क्षेत्र में पहुंची थी। जहां उन्होंने फिल्म के एक गाने के कुछ दृश्य फिल्माए थे।

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बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी के निधन की खबर लगते ही पर्यटन नगरी कैंपटी में भी उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई। आपको बता दें कि वर्ष 1991 में निर्देशक अनिल शर्मा के निर्देशन में बनी फिल्म फरिश्ते में मौहम्मद अजीज और लता मंगेशकर की आवाज में गाए एक गाने `तेरे बिना जग लगता है सूना` की शूटिंग कैंपटीफॉल की सुंदरवादियों में हुई थी।

कैंपटीफॉल में प्राकृतिक झरने और झील नंबर एक में और कैंपटी स्थित गढ़वाल मंडल के भवन की छत पर अलग अलग लोकेशनो में फिल्म फरिश्ते के एक गाने के सीन को शूट किया गया था। वर्ष 1991 में सालिक राम का कैंपटीफॉल पर फोटो स्टूडियो हुआ करता था।

दूसरी कहानी

1979 से अपने फिल्मी कैरियर की शुरूवात करने वाली श्रीदेवी ने दर्जनों सुपरहिट फिल्में दी है। जिनमें नगीना,चॉदनी,चालबाज,मिस्टर इंडिया,लाडला सहित अन्य फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाई है। एक बार हिमानी शिवपुरी के लिए श्रीदेवी ने एक ऐसा काम कर दिया, जिससे सेट पर मौजूद सब लोग देखते रह गए। जी हां, उत्तराखंड निवासी एक्ट्रेस हिमानी शिवपुरी ने बताया कि, वे हमेशा से ही श्रीदेवी की फैन रहीं हैं। वे उनके साथ काम करना चाहती थीं। फिल्मों में तो काम नहीं कर पाईं, लेकिन एक सीरियल में पांच मिनट का एक ऐपीसोड किया था

उन्होंने कहा कि, वे बहुत खुश थीं कि श्री देवी और वो उन्हें साथ काम करने का मौका मिला। 2004 में आए बोनी  कपूर के फेमस सीरियल मालिनी अय्यर में उन्होंने साथ काम किया। जब  हिमानी शिवपुरी सीन शूट कर रही थीं, तो श्रीदेवी ने खुद अपनी सीट से उठकर उन्हें सराहा। वे वहां से गई नहीं जब तक सीन शूट नहीं हुआ। वहीं उन्होंने हिमानी की तारीफ भी की। श्रीदेवी को ऐसे देखकर वहां सब हैरान रह गए।

उन्होंने बताया कि, ये हैरानी इसलिए थी क्योंकि श्रीदेवी को लोग थोड़ा रिजर्व नेचर का मानते थे। लेकिन उन्हें ऐसे देखकर सबको बहुत अच्छा लगा। कहा कि इसके बाद मैं उनकी रियल लाइफ को लेकर भी फैन हो गई थी।

शिवपुरी कहा कि, उन्हें इंडस्ट्री की फीमेल अमिताभ कहा जाता है। मुझे लगता है कि, मधुबाला के बाद अगर कोई परफेक्ट मैच था तो वो श्रीदेवी थीं। उनका यूं अचानक चले जाना फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक क्षति है।

तीसरी कहानी

अपने व्यस्त शेड्यूल में चैन और सुकून के कुछ पल बिताने बॉलीवुड की ‘चांदनी’ श्रीदेवी कुछ वर्ष पूर्व उत्तराखंड आई थीं। आध्यात्मिक नगरी ऋषिकेश में उन्होंने करीब दो दिन बिताए थे। हालांकि इस दौरान न तो उन्होंने किसी कार्यक्रम में शिरकत की और न ही मीडिया से रूबरू हुईं।

वे यहां गंगा किनारे स्थित एक रिसॉर्ट में रुकी थीं, इस रिसॉर्ट में काम करने वाले रविंद्र नेगी ने बताया कि श्रीदेवी करीब दो दिन यहां रुकी थीं, इस दौरान उन्होंने सुबह चार बजे गंगा दर्शन कर अंधेरे में ही लक्ष्मण झूला की सैर भी की थी।

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