माता-पिता को खो चुकी देहरादून की मोनिका ने ऐसे हासिल की यूपीएससी में 577वीं रैंक

संक्षेप:

  • यूपीएससी रिजल्ट 2017
  • देहरादून की मोनिका राणा ने हासिल की 577वीं रैंक
  •  मोनिका के माता-पिता की हो चुकी है मौत

देहरादून: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में देहरादून की डा. मोनिका राणा ने 577वीं रैंक हासिल की। मोनिका को यह सफलता तीसरी बार में मिली। 2013 से सालावाला में मोनिका अपनी बुआ मीरा तोमर के साथ रह रही हैं।

मूल रूप से ग्राम नाडा लाखामंडल चकराता निवासी मोनिका का कहना है कि उन्होंने शुरू से ही कठिन लगन और मेहनत के साथ तैयारियां की। मोनिका ने वेदांता कोचिंग सेंटर से कोचिंग की। इसके बाद वह दिल्ली चली गई जहां उन्होंने श्रीराम सेंटर से कोचिंग कर यह क्वालिफाई किया। मोनिका ने दून के स्कॉलर्स होम से पांचवीं तक पढ़ाई की। छठी से 12वीं सेंट जोसेफ्स से किया। इसके बाद एमबीबीएस की पढ़ाई मद्रास मेडिकल कॉलेज से 2015 में की। डा. मोनिका राणा के परिवार में उनकी बहन दिव्या राणा है। जो दिल्ली के यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर पद पर हैं।

यूपीएससी में 577 रैंक लाने के बाद डा. मोनिका राणा को जहां रिश्तेदार उनके घर पर बधाई और मिठाई खिला रहे थे, वहीं मोनिका भावुक भी नजर आई। मोनिका ने बताया कि काश, उसके माता-पिता आज जिंदा होते तो वह अधिक खुश होती। आईएफएस में मोनिका के पिता गोपाल सिंह राणा और मां इंदिरा राणा की 2012 में लाखामंडल में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। मोनिका ने बताया कि वह अपने माता पिता का सपना पूरा कर रही हैं क्योंकि उनके पिता ने दोनों बहनों को खुद के पैरों पर खड़े रहने का सपना देखा था। माता पिता की मौत के बाद उनका पूरा साथ बहन दिव्या राणा ने दिया।

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15 जनवरी 2012 का दिन मोनिका कभी नहीं भूल सकती। उसी दिन एक सड़क दुर्घटना में उन्होंने अपने माता-पिता को हमेशा के लिए खो दिया। परिवार ने उनको सहारा दिया। लेकिन दो साल पहले एक बार फिर उनके परिवार पर कहर टूटा और चाचा की भी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। इन मुश्किलों के बावजूद मोनिका ने हिम्मत नहीं हारी और सिविल सर्विसेज में सफलता हासिल कर माता-पिता का सपना पूरा किया। उनके पिता गोपाल सिंह राणा वन विभाग में संरक्षक पद पर कार्यरत थे। दुर्घटना के बाद उनके मामा संजीव नेगी, मामी प्रमिला नेगी, मौसा सुरेंद्र सिंह राणा, मौसी मनीषा राणा, बुआ और बड़ी बहन दिव्या ने मोनिका को संभाला।

माता-पिता चाहते थे कि दिव्या सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर परिवार का नाम रोशन करे। लेकिन एकाएक हुए इस हादसे के बाद दिव्या को परिवार की जिम्मेदारियों को संभालना पड़ा। उन्होंने निजी बैंक में नौकरी शुरू कर दी। माता-पिता की मौत के दौरान मोनिका मद्रास मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। हादसे की खबर सुनते ही वह दून पहुंच गई। हालांकि तीन दिन बाद ही उन्हें वापस जाना पड़ा, क्योंकि उसकी एमबीबीएस तीसरे वर्ष की परीक्षाएं थी।

मोनिका ने बताया कि तैयारी के दौरान वह तीन घंटे की कोचिंग के अलावा रोजाना आठ घंटे पढ़ाई करती थी। परीक्षा के दौरान उन्होंने लगातार 14-15 घंटे की पढ़ाई की। मोनिका ने बताया कि उन्हें बेहतर रैंक की उम्मीद थी। चार मई को दून के विश्रांती फार्म हाउस में मोनिका की शादी एयरफोर्स में तैनात वैभव के साथ होनी है। इसके लिए इन दिनों सालावाला स्थित उनके घर में रिश्तेदारों का जमावड़ा लगा हुआ है। शुक्रवार को जब मोनिका के परीक्षा में सफल होने की सूचना मिली तो परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने मिठाई खिलाकर मोनिका को शुभकामनाएं दी।

मोनिका ने बताया कि यूपीएससी का इंटरव्यू दिल्ली में हुआ। जिसमें 40 मिनट का समय लगा। इस दौरान उनके हेल्थ सेक्टर को लेकर काफी सवाल पूछे गए। हेल्थ सेक्टर को कैसे इंप्रूव करना है इस बारे में काफी सवाल किए गए। साथ ही हेल्थ एजुकेशन और कम्यूनिटी मेडिशन पर जोर दिया गया।

मोनिका ने बताया कि उन्हें शुरू से ही लिखना काफी पसंद रहा है। इसके अलावा चित्रकला भी उनकी पसंदीदा है। गार्डनिंग को वह शुरू से ही अच्छा मानती हैं और जब भी समय मिलता है तो घर के गार्डन में समय बिता देते हैं। 

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