NYOOOZ Special: स्केटिंग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व चुके हैं उत्तराखंड के नए डीजीपी

संक्षेप:

  • मसूरी के रहने वाले हैं प्रदेश के नए डीजीपी
  • 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं अनिल रतूड़ी
  • कड़क पुलिस अफसर के तौर पर है पहचान

 

देहरादून: उत्तराखंड के नए पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी मसूरी के रहने वाले है। अनिल रतूड़ी की छवि सबसे कड़क पुलिस अफसर के तौर पर है। 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिल रतूड़ी अनुभव के आधार पर इसके लिए सबसे प्रबल दावेदार थे।

अनिल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हैंम्पटन कोर्ट स्कूल से की, जिसके बाद सेंट जॉर्ज स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। अनिल की माता, बहन और बहनोई आज भी मसूरी लाईब्रेरी मार्ग पर बने उनके बचपन के घर में ही रहते हैं। अनिल की माता का कहना है कि उन्हे अपने बेटे पर गर्व है। उन्होने बताया कि अनिल बचपन से ही होनहार है और अपनी ड्यूटी के साथ-साथ परिवार का भी पूरा ध्यान रखता है।

अनिल रतूड़ी का परिवार जनता की सेवा से जुड़ा है। उनकी शादी को 22 वर्ष हो गए हैं। उनकी पत्नी राधा रतूड़ी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं। उनकी दो बेटियां हैं।पुलिस महानिदेशक बनने वाले वह उत्तराखंड मूल के चौथे पुलिस अधिकारी हैं। डीजीपी बनने की पात्रता के लिहाज से देखें तो आईपीएस की 30 वर्ष की सेवा और एडीजी के तौर पर कम से कम पांच वर्ष का अनुभव होना चाहिए। डीजीपी अनिल रतूड़ी इस मामले में सबसे फिट थे।

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लिहाजा, डीजीपी एमए गणपति के केंद्र में जाने की खबर के साथ ही उनकी दावेदारी पुख्ता हो गई थी। पुलिसिंग के मामले में डीजीपी अनिल रतूड़ी की छवि बेहद कड़क अफसर की है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2020 में उनका रिटायरमेंट होना है।

अनिल की छोटी बहन नीता रावत मसूरी के एलएलएम फाउंडेशन स्कूल की प्रिसिंपल हैं, बचपन की यादों को ताज़ा करते हुए नीता ने बताया कि रतूड़ी हमेशा से ही एक उम्दा एथलिट थे, वे सभी खेलों में नंबर एक पर रहते थे। रतूड़ी स्केटिंग में अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। नीता ने बताया कि अनिल को सर्दियां अपनी मां के साथ देहरादून में बिताना पसंद है। अनिल बहुत ही सुलझे हुए इंसान हैं और आज भी मसूरी आने पर पैदल मालरोड घूमने निकल जाते हैं और लोगों से मिलते हैं। 

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