आनंद कुमार ने बताया- फिल्म `सुपर-30` के लिए क्यों चुने गए ऋतिक रोशन

संक्षेप:

  • आनंद कुमार पहुंचे देहरादून
  • छात्रों और शिक्षकों को बताया सक्सेस मंत्र
  • आनंद कुमार चलाते हैं सुपर-30

देहरादून: शनिवार शाम को डब्ल्यूआईसी में आयोजित कार्यक्रम में सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार ने शिरकत की। इस मौके पर आनंद कुमार ने कार्यक्रम के संयोजक हर्ष डोभाल से बातचीत करते हुए अपने जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर रोशनी डाली। साथ ही विद्यार्थीयों और टीचर्स के लिए सक्सेस मंत्र भी बताया।

बच्चों के लिए खास तौर पर उन्होंने कुछ बातें ध्यान रखने को कही। उन्होंने बताया कि बच्चों को अपने लक्ष्य को लेकर प्रबल प्यास होनी चाहिए और सकारात्मक सोच होने के साथ-साथ अथक प्रयास भी जरूरी है। लेकिन अगर इन तीनों के बावजूद भी चयन नहीं होता है तो उसके अंदर धीरज होना चाहिए।

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अपने जीवन के सफर पर बनने जा रही बायोपिक पर ऋतिक रोशन को ही क्यों चुना? इस सवाल पर उन्होंने बताया कि मेरे पास अक्षय कुमार, राजकुमार हिरानी और अमीर खान भी आये लेकिन मैंने ऋतिक रोशन को चुना क्योंकि यह सारे लोग पहले से ही ऐसे किरदार में नज़र आते रहे हैं। मुझे लगा कि जो इंसान Bang-Bang पर नाचता है और सूट-बूट पहनता है अगर वो इंसान देहात में आकर हमारा रोल करेगा तो उसे देखने में मजा जरूर आएगा। उन्होंने कहा कि ऋतिक रोशन में काम करने की बहुत भूख है लेकिन उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी पढ़ाने के तरीके में। आपको बता दें कि यह मूवी 25 जनवरी 2019 को रिलीज होगी।

पढ़ाने के तरीके को लेकर उन्होंने बताया कि वह प्रेजेंटेशन के जरिये बच्चों को पढ़ाते हैं। जिसमें उन्होंने दो काल्पनिक पात्रों को रखा है। एक है रिक्की और दूसरा है भोलू। रिक्की जिसके पास सब संसाधन हैं और भोलू जो कि न्यूनतम संसाधनों में अपना गुजारा करता है। लेकिन जब उन्हें कोई सवाल दिया जाता है तो रिक्की सिर्फ एक ही तरीके से उसे हल करता है लेकिन भोलू के पास एक से ज्यादा तरीके होते हैं सवाल को हल करने के। इन्हीं दोनों की बातचीत पर बच्चों को कांसेप्ट समझाए जाते हैं।

ऑडियंस में से जब उन्हें पूछा गया कि अपने बच्चों के लिए तो सक्सेस मंत्र बताया लेकिन शिक्षकों के लिए आपके हिसाब से क्या होना चाहिए? इस सवाल के जवाब को देते हुए उन्होंने बताया कि एक शिक्षक वही है जो अपने कॉन्सेप्ट के बारे में पूर्णतः जागृत हो, साथ ही निरंतर नई-नई चीजों को पढ़ता रहे। इसीके साथ-साथ उसे अपने विद्यार्थियों को लेकर भेदभाव न करें और सभी बच्चों को साथ लेकर आगे बढ़े वही अपने आप मे एक सच्चा शिक्षक है।

इस दौरान आनंद कुमार ने बताया कि आने वाले वक्त में सुपर-30 में पढ़ने वाले गरीब होनहार प्रतियोगी परीक्षाओं की ऑनलाइन तैयारी करेंगे। बिहार में निशुल्क सुपर-30 चलाने वाले आनंद कुमार ने कहा कि वह जल्द ही कक्षा छह से 12वीं तक का स्कूल शुरू करने जा रहे हैं। यहां बच्चों को शुरुआत से ही निशुल्क आईआईटी के लिए तैयार किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सामाजिक संस्थाएं अगर मिलकर प्रयास करें तो उत्तराखंड में भी सुपर-30 चलाया जा सकता है।

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