SA की राजनीति में भूचाल लाने वाले गुप्ता ब्रदर्स की पेशी को लेकर सस्पेंस बरकरार

संक्षेप:

  • गुप्ता बंधुओं की पेशी पर सस्पेंस
  • आयकर विभाग ने जारी किया था समन
  • दक्षिण अफ्रीका में फरार घोषित

देहरादून: दक्षिण अफ्रीका की राजनीति में भूचाल लाने वाले अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता की इनकम टैक्स में पेशी को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। आयकर विभाग की जांच में फंसे गुप्ता बंधुओं को आज विभाग के कार्यालय में पेश होना है। 16 मार्च को गुप्ता बंधुओं की पेशी होनी थी, लेकिन नहीं हो सकी। गुप्ता बंधु के वकील ने 26 मार्च को पेशी की तारीख मांगी थी।

गुप्ता बंधु के सहारनपुर और देहरादून स्थित आवास पर आयकर विभाग की कई टीमों ने छापा मारा था। देहरादून में 80 घंटे से अधिक की कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग ने तमाम दस्तावेज जब्त किए थे। इस दौरान गुप्ता बंधुओं को समन जारी कर सात दिन के अंदर जवाब देने के लिए बुलाया गया था।

देश के चर्चित गुप्ता बंधु को पहले तय तिथि के अनुसार 16 मार्च को देहरादून इनकम टैक्स कार्यलय में पेश होना था, लेकिन वे पेश नहीं हुए। गुप्ता बंधु दुबई से भारत के लिए निकले ही नहीं थे। इनकम टैक्स में पेश नहीं होने पर गुप्ता बंधु के वकील मोहम्मद वसीर ने अगली सुनवाई के लिए 26 मार्च तक कि अर्जी लगाई, जिसे विधिक अनुसार इनकम टैक्स ने समय दिया था।

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दक्षिण अफ्रीका सहित तमाम देशों में खनन के काम से जुड़े कई बड़े लोगों के संपर्क में आए अजय गुप्ता और अतुल गुप्ता के संपर्क उत्तराखंड में भी कई लोगों से हैं। बताया जा रहा है कि दक्षिण अफ्रीका में दोनों ही बंधुओं को फरार घोषित कर दिया गया है, जिसके बाद दोनों ही उत्तराखंड की राजधानी देहरादून या हरिद्वार में मौजूद थे।

मामला साल 2015 का है। उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत हरिद्वार दौरे पर थे। शाम के वक्त जैसे ही हरीश रावत का हेलीकॉप्टर गुरुकुल कांगड़ी से उड़ा उसके तुरंत बाद ही एक संदिग्ध हेलीकॉप्टर गुरुकुल के हेलीपैड पर उतरा। जिसके बाद शासन से लेकर प्रशासन में हड़कंप मच गया था। आनन-फानन में तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। उन्हें यह लगा था कि शायद मुख्यमंत्री हरीश रावत ही दोबारा से हेलीपैड पर आ गए हैं, लेकिन जब हेलीकॉप्टर के दरवाजे खुले तो पाया कि एक विदेशी नागरिक सहित दोनों भाई अजय व अतुल गुप्ता हेलीकॉप्टर से उतर रहे थे।

इस घटना के बाद हरिद्वार कनखल के तत्कालीन थानाप्रभारी रितेश शाह तुरंत दोनों भाइयों को अपनी सरकारी गाड़ी में बैठाकर थाने ले आए थे। जिस वक्त यह घटना हुई उस वक्त उनके साथ उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान भी मौजूद थे। बार-बार दोनों भाई पुलिस जवानों को यह धमकी दे रहे थे कि उन्हें पकड़कर बहुत बड़ी गलती की गई है, लेकिन रितेश शाह ने उनकी एक नहीं सुनी और सीधे थाने लाकर पूछताछ शुरू कर दी थी।

हालांकि, बाद में पता चला कि उनके पास हेलीकॉप्टर उतारने की परमिशन थी, लेकिन संबंधित थाने में विभाग ने किसी तरह का कोई भी पत्राचार नहीं किया था। बताया जाता है कि इस घटना के बाद हरिद्वार के एसडीएम का भी तबादला हो गया था। हैरानी की बात तो यह है कि दोनों ही बंधुओं को थाने से छुड़वाने के लिए खुद जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज थाने पहुंच गए थे। तब एसएचओ रितेश शाह ने जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर की सुपुर्दगी में दोनों भाइयों को दिया था। उत्तराखंड में दोनों भाइयों को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई थी। बाद में सुरक्षा वापस ले ली गई थी।

कौन हैं गुप्ता बंधु?

गुप्ता बंधुओं का संबंध दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा से है। उनकी कम्पनी में राष्ट्रपति की बेटी और पत्नी भी अच्छी पोजीशन पर कार्यरत हैं। इस वक्त उनकी संपत्ति 4900 करोड़ थी। इतना ही नहीं, उन्हें दक्षिण अफ्रीका का 8वां सबसे अमीर व्यक्ति भी बताया जाता है। दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा के इस्तीफे का भी इसी गुप्ता परिवार से संबंध बताया जाता है।

दरअसल, ये गुप्ता परिवार उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले का रहने वाला है। इस परिवार में तीन भाई हैं- अजय, अतुल और राजेश गुप्ता। पिता शिव कुमार ने साल 1993 में इन्हें दक्षिण अफ्रीका भेज दिया था। दक्षिण अफ्रीका आने के बाद एक साल बाद ही नेल्सन मंडेला ने यहां पर विदेशी कारोबार के लिए अपने दरवाजे खोल दिये थे। भारत में छोटे स्तर पर कारोबार करने वाले गुप्ता परिवार को इसका बड़ा फायदा मिला और उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में निवेश करना शुरू किया। कुछ ही समय में इस परिवार ने यहां पर एक बहुत बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया।

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