उत्तराखंड में UPRNN में बड़े घोटाले की आशंका

संक्षेप:

  • उत्तराखंड में बड़े घोटाले की आशंका
  • विवादों में UPRNN
  • भवन निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल

देहरादून: उत्तराखंड में घोटालों की तादात लगातार बढ़ती जा रही है। कभी NH-74 घोटाला तो कभी चावल घोटाला। लेकिन अब उत्तराखंड में एक और भवन घोटाला सामने आ रहा है। जिसके तार उत्तराखंड से ब्लैक लिस्ट हो चुकी संस्था यूपी राजकीय निर्माण निगम से जुड़े हुए हैं।

राजधानी देहरादून में बने सूचना प्रौद्योगिकी भवन के निर्माण में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है। 14 करोड़ की लागत से बने इस भवन में बहुत सी अनियमितताएं पायी गयी हैं। विभाग द्वारा कराए गए ऑडिट में कई गड़बड़ियां पायी गई, जिससे करोड़ों के खेल का खुलासा हो सका। बता दें कि 2014 में आईटीडीए भवन का टेंडर यूपी राजकीय निर्माण निगम को दिया गया था। जिसका निर्माण लगभग 14 करोड़ की लागत से 2016 में पूरा किया गया। 

आइटीडीए निदेशक अमित सिन्हा को निर्माण कार्यों में अनियमितताओं की जानकारी मिली। जिसके बाद निर्माण कार्यों की फिर से जांच करवाई गई। जांच में आयी ऑडिट रिपोर्ट में जो गड़बड़ियां सामने आई उससे अधिकारियों के होश उड़ गए। 

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जांच रिपोर्ट में पता चला कि भवन निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। जिसे कागजों में महंगी दरों में खरीदा गया। इसके साथ ही भवन में ऐसी लिफ्ट लगाई गयी जो कुछ दिन बाद ही खराब होकर बंद हो गयी। भवन में AC भी घटिया क्वालिटी के लगाए गए हैं। वे भी कुछ दिनों बाद बंद हो गए।

वहीं इस मामले में सूचना सूचना प्रौद्योगिकी भवन उत्तराखंड के निदेशक अमित सिन्हा ने कहा कि आईटीडीए भवन निर्माण की गुणवत्ता समेत अन्य पहलुओं को लेकर शिकायतें मिली थी। जिसकी जांच करवाने पर कई गड़बड़ियां सामने आयी हैं। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है। दोषियों पर जल्द ही सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

यूपी राजकीय निर्माण निगम के जीएम पी.के.शर्मा का कहना है कि मेरे पास अभी तक इस तरह का कोई गुणवत्ता को लेकर अभी कोई शिकायत नहीं आयी है। साथ ही हमने जो भी निर्माण कार्य किया है, जिसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हैं वह सब शासन की अनुमति के अनुरुप ही किया गया है। 

देहरादून में बने सूचना प्रौद्योगिकी भवन निर्माण में सामने आ रहे करोड़ों के घोटाले ने एक बार फिर से यूपी निर्माण निगम की साख पर सवाल खड़े कर दिये हैं। मालूम हो कि कुछ समय पहले ही उत्तराखंड सरकार यूपी निर्माण निगम को ब्लेक लिस्ट कर चुकी है। जिसके बाद से उन्हें नया निर्माण कार्य देने पर रोक लगा दी गई है। 

हालांकि सामने आ रहा यह घोटाला बिना सचिव और शासन की अनुमति के बिना नहीं हो सकता। लेकिन अब देखना होगा कि घोटाले के दोषियों पर कब तक कार्रवाई हो पाती है।

 

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