उत्तराखंड बजट 2021 : डेढ़ घंटे तक बिना रुके बजट पर बोले मुख्यमंत्री, पढ़ी यह कविता

संक्षेप:

  • मुख्यमंत्री ने गैरसैंण के लिए कुछ घोषणाएं भी की
  • 54 पेज के लंबे भाषण को बिना रुके डेढ़ घंटे तक पढ़ा
  • लंबा कोट और पहाड़ी टोपी पहन मुख्यमंत्री सदन में आए
     

देहरादून । आठ पंक्तियों की एक कविता के साथ गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने बजट भाषण की शुरुआत की।
ख़ास बात यह रही कि 54 पेज के लंबे भाषण को बिना रुके डेढ़ घंटे तक मुख्यमंत्री ने पढ़ा. और इसके बाद ग्रीष्मकालीन राजधानी के लिए सौगातों का पिटारा खोलकर सबको चौंका दिया।
सबसे पहले समूचे सदन को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की शुभकामनाएं दीं और राज्य आंदोलनकारियों को याद करते हुए सीमा पर तैनात सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवान को भी याद करना नहीं भूले। कोविड योद्धाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने अपने मंत्रियों और अधिकारियों का आभार जताया।
 
इस अंदाज़ में नज़र आए सीएम

लंबा कोट और सिर पर पहाड़ी टोपी पहनकर मुख्यमंत्री सदन में पहुंचे. जब वह वहां दाखिल हुए तब सदन की कार्यवाही चल रही थी। स्पीकर ने विधेयक पर चर्चा जारी रखने की बात कही और मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री के रूप में बजट अभिभाषण पढ़ना शुरू कर दिया। उन्होंने जब कहा कि बुरा दौर भी आया था, अच्छा दौर भी आएगा, तो विपक्षी दीर्घा में बैठे कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने भी अपने अंदाज में इस पर हामी भरी। शायद वे बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस के बारे में विचार कर रहे थे।

सीएम ने बजट में इसका जिक्र किया कि 14वें वित्त में राजस्व घाटा अनुदान में राज्य को कुछ भी नहीं मिला था। लेकिन 15वें वित्त ने 28147 करोड़ का प्रावधान किया। स्थानीय निकायों, राज्य आपदा, केंद्रीय करों में राज्य के हिस्सेदारी भी बढ़ाई है। मुख्यमंत्री का अंदाज़ बता रहा था कि उनके पिटारे में और भी सौगातें हैं।लोगों को लग रहा था कि वह गैरसैंण के लिए कुछ घोषणा करेंगे। लेकिन जिस खामोशी के साथ उन्होंने गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने की घोषणा की, उसकी गूंज पूरे राज्य में सुनाई देना तो तय हो गया है। यह उन लोगों के लिए आश्चर्यजनक घोषणा है, जो गैरसैंण को जिला बनाने की वकालत कर रहे थे।

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