उत्तराखंड: सचिवालय संघ की सरकार से हुई अनबन, संघ के आह्वान पर अनिश्चिकालीन हड़ताल हुई शुरू

संक्षेप:

  • सचिवालय संघ की सरकार से हुई अनबन
  • संघ के आह्वान पर अनिश्चिकालीन हड़ताल हुई शुरू
  • अब सचिवालय संघ का असली रूप दिखाया जाएगा: जोशी

देहरादून। आज मंगलवार से उत्तराखंड सचिवालय संघ के आह्वान पर अनिश्चिकालीन हड़ताल शुरू हो गई। संघ के अध्यक्ष ने कहा कि वाहन चालक और रक्षा संवर्ग भी हड़ताल में शामिल होगा। किसी भी सचिव के साथ कर्मचारियों को काम न करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी कर्मचारी अपना कामकाज छोड़कर दफ्तरों से बाहर आ गए।

दरअसल, विभिन्न मांगों को लेकर कैबिनेट की बैठक में कोई फैसला नहीं हुआ तो सचिवालय संघ की सरकार से अनबन हो गई। संघ ने मंगलवार से हड़ताल का एलान कर दिया। वहीं कैबिनेट बैठक से पहले सोमवार को दिन में सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का अभिनंदन कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम से गदगद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पूरे प्रदेश को सचिवालय से ऊर्जा मिलती है। राज्य सरकार की ओर से लिए जाने वाले जनहित से जुड़े निर्णयों को तत्परता से लागू करने की जिम्मेदारी भी सचिवालय की होती है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कार्मिकों के हितों के प्रति प्रतिबद्धता के साथ उनकी समस्याओं का समाधान भी किया जा रहा है। कार्मिकों के गोल्डन कार्ड की विसंगतियों सहित अन्य अनेक लंबित प्रकरणों का समाधान किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य का मुख्य सेवक होने के साथ ही वे अपने को सचिवालय कार्मिकों का भाई व साथी भी मानते हैं, क्योंकि उन्हें सचिवालय की प्रक्रियाओं को समझने में सचिवालय का भी बड़ा योगदान रहा है।

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धामी ने सचिवालय संघ की विभिन्न मांगों पर सहमति व्यक्त करते हुए आश्वासन दिया कि सचिवालय संघ की विभिन्न समस्याओं का हल करने का रास्ता निकाला जाएगा। सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कार्मिकों की विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया तथा उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। 

अब सचिवालय संघ का असली रूप दिखाया जाएगा: जोशी

वहींं शाम को जैसे ही कैबिनेट बैठक संपन्न हुई तो सचिवालय संघ आगबबूला हो गया। अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि हमें जो सम्मान करना था, वह पूरा हुआ। शायद सचिवालय संघ का सम्मान मुख्यमंत्री को पसंद नहीं आया। उनके सक्षम अधिकारी सचिवालय संघ की मांगों को पूर्ण होने से रोके रहे हैं। शायद सचिवालय संघ का आंदोलन ऐसे अधिकारियों को याद नहीं आ रहा। अब सचिवालय संघ का असली रूप दिखाया जाएगा। 

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