FRI पहुंचे उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, आईएफएस अधिकारियों को किया सम्मानित

संक्षेप:

  • एफआरआई में दीक्षांत समारोह में पहुंचे उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू
  • आईएफएस अधिकारियों को किया सम्मानित
  • 51 भारत और 02 भूटान के अधिकारी शामिल

देहरादून: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (एफआरआई) में दीक्षांत समारोह में पहुंचे उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आईएफएस अधिकारियों को सम्मानित किया। व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम 2016-18 में कुल 53 अधिकारी पासआउट हुए। इनमें 51 भारत और 02 भूटान के अधिकारी शामिल हैं।

बतौर मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने नये आईएफएस अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि विगत करीब 30 वर्षों में भारत में वन का कुल क्षेत्रफल बढ़ा है, लेकिन यह इतना नहीं है कि हम इसे संतोषजनक वृद्धि समझें। नायडू ने भारतीय वन सेवा में शामिल अधिकारियों को साफ तौर पर कहा कि उन्हें वन और पर्यावरण के मैनेजर और रक्षक के रूप में कार्य करना है। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दीक्षांत समारोह में उपाधि पाने वालों को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन उनकी तपस्या, मेहनत और लगन के फल प्राप्ति का दिन है। यह दिन आईएफ़एस अधिकारियों को नई जिम्मदारियों से जोड़ने वाला दिन है। वनों का महत्व हमारे लिए दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। उत्तराखंड का 71 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र है।

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मुख्यमंत्री ने दीक्षांत में पासआउट अधिकारियों से नई तकनीकी और शोध को बढ़ावा देने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि वन सम्पदा हमारे जीवन का आधार है। वनों और मानव जीवन की मूल आवश्यकता में सामंजस्य बनाना एक बड़ी चुनौती है। वनों का अधिक से अधिक लाभ हो और उनपर कोई संकट ना आए, ये देखना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी ईको सेंसिटिव जोन का उल्लेख करते हुए कहा की पर्यावरण को बचाते हुए नई तकनीकों के प्रयोग को बढ़ावा देना है और समाज को लाभान्वित भी करना है। मुख्यमंत्री ने वनाग़्नि की घटनाओं को रोकने के लिए नयी तकनीकी और उपाय अपनाने पर बल दिया।

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल केके पॉल ने कहा कि उत्तराखंड में चिपको आंदोलन के माध्यम से वनों के संरक्षण की मुहिम छेड़ी गई। वन संरक्षण को लेकर हिमलायी राज्य लगातार काम कर रहे हैं। नए अधिकारियों पर इसके लिए अब ज्यादा जिम्मेदारी है। उन्हें वन संरक्षण की दिशा में आम जनता के साथ मिलकर काम करना होगा। 

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