जनता दरबार में महिला शिक्षक ने किया हंगामा, सीएम रावत को कहे अपशब्द

संक्षेप:

  • सीएम के जनता दरबार में हंगामा
  • महिला ने सीएम को कहे अपशब्द
  • सीएम ने दिए निलंबित करने के निर्देश

देहरादून: उत्तराखंड सरकार का जनता दरबार एक बार फिर से विवादों में आ गया है। दरअसल इस बार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की जनता दरबार में उत्तरकाशी की एक महिला फरियादी ने सीएम के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल कर दिया।

यह हंगामा उस समय खड़ा हुआ जब उत्तरकाशी में तैनात प्राइमरी स्कूल की एक शिक्षिका अपनी समस्या बताने के लिए खड़ी हुई। महिला ने सीएम के पास आते ही त्रिवेंद्र रावत और आस-पास बैठे अधिकारियों को लताड़ लगानी शुरू कर दी।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के जनता दरबार में लगभग 150 से ज्यादा लोगों की भीड़ थी। अचानक महिला ने जैसे ही शोर करना शुरू किया वैसे ही पूरे जनता दरबार में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। पुलिस-प्रशासन इससे पहले कुछ समझ पाते की महिला ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को खूब खरी-खोटी सुना दी।

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इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा शांत हो जाओ तुम्हारी नौकरी चली जाएगी, लेकिन महिला का गुस्सा सांतवें असमां पर था। उसके बाद शिक्षिका पर महिला पुलिसकर्मीओं ने काबू पाने की कोशिश की ओर उसे खिंचते हुए जनता दरबार से बाहर लेकर आ गए। बाहर जाते-जाते भी महिला ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से अभद्रता करते हुए उन्हें चोर कह दिया। महिला ने कहा कि वो नेता हैं कोई खुदा नहीं और प्रदेशवासियों को लूट कर खा रहे हैं।

जनता दरबार में हुए हंगामे के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तुरंत अधिकारियों को महिला को निलंबित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही सीएम ने महिला को गिरफ्तार करने को भी कह दिया है। सीएम ने कहा कि तुरंत इस महिला पर कार्रवाई होनी चाहिए।

दरअसल, महिला 20 सालों से उत्तरकाशी के प्राइमरी स्कूल में तैनात है और उनके पति की शराब की वजह से मौत हो गई थी। महिला जनता दरबार से बाहर निकलते समय बोल रह थी " शराब के व्यापारी, मेरे पति को शराब पिला कर मार दिया।" साथ ही लंबे समय से महिला अपने स्थानांतरण की मांग कर रही है लेकिन अबतक ट्रांसफर ना होने गुस्साई महिला ने अपना सारा गुस्सा सीएम और जनता दरबार में मौजूद अधिकारियों पर निकाल दिया।

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