CAA प्रोटेस्ट: जामिया हिंसा मामले में 10 गिरफ्तार, छात्र एक भी नहीं

संक्षेप:

  • दिल्ली में रविवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा मामले में 10 गिरफ्तार.
  • पुलिस ने इस सिलसिले में 2 केस दर्ज किए हैं, गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं.
  • गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कोई भी छात्र नहीं है, हिंसा के दौरान 3 बसों और कुछ अन्य गाड़ियों को फूंका गया था.
     

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के जामिया नगर इलाके में हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी आपराधिक पृष्ठभूमि के हैं और इनमें कोई भी छात्र नहीं है। बता दें कि साउथ दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में हुई हिंसा के सिलसिले में दिल्ली पुलिस ने 2 FIR दर्ज कर दी थी। रविवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में अराजक तत्वों ने जमकर तांडव मचाया था। उपद्रवियों ने 3 बसों और कुछ अन्य गाड़ियों को फूंक दिया। इतना ही नहीं, आग बुझाने आई दमकल की 4 गाड़ियों में से एक को भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया था। इसके अलावा कई अन्य गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई थी। इस हिंसा में पुलिस के 10 और दमकल के 2 कर्मचारी भी जख्मी हुए थे।

पुलिस ने खंगाले CCTV और विडियो फुटेज

सोमवार को दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि प्रदर्शन में स्थानीय लोगों के शामिल होने से हिंसा फैली। उपद्रवियों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने सीसीटीवी और हिंसा के वायरल फुटेज खंगाले। माना जा रहा है कि 10 स्थानीय लोगों की गिरफ्तारी इसी के आधार पर की गई है।

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फर्जी आई-कार्ड लेकर घुसे थे शरारती तत्व!

पुलिस को शक है कि जामिया के आई कार्ड बनवाकर कुछ लोग प्रदर्शनकारियों में शामिल हुए थे। असली स्टूडेंट्स से कहीं अधिक हिंसा भड़काने में फर्जी छात्रों का हाथ था। हिरासत में लिए गए ऐसे 51 स्टूडेंट्स की पुलिस ने जांच करानी शुरू कर दी है। इनमें से 36 को कालकाजी से और 15 को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके से हिरासत में लिया गया था। ये सभी खुद को जामिया, डीयू के हिंदू कॉलेज और इग्नू के स्टूडेंट होने का दावा कर रहे थे। पुलिस को इनमें से कुछ पर शक है कि उन्होंने जामिया के फर्जी आई कार्ड बनवा रखे थे।

हिंसा के बाद जामिया कैंपस में घुसे थे शरारती तत्व: पुलिस

पुलिस और जामिया प्रशासन दोनों का शुरू से कहना है कि हिंसा में छात्रों का कोई हाथ नहीं था। हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे जो आगजनी, तोड़फोड़ के बाद जामिया कैंपस में घुस गए थे। उनको पकड़ने के लिए पुलिस भी शाम को कैंपस में घुस गई। पुलिस पर बिना इजाजत कैंपस में घुसने, स्टूडेंट्स और स्टाफ को पीटने, लाइब्रेरी में तोड़फोड़ करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने के भी आरोप लगे थे।

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