कहानी Pink Ball की: सात समंदर पार से आया चमड़ा, गांगुली-कुंबले-द्रविड़ की सलाह से बनी है गुलाबी गेंद

संक्षेप:

  • ईडन गार्डंस में प्रयोग होने वाली गुलाबी गेंदें यूं ही नहीं तैयार की गई हैं.
  • इस गेंद के निर्माण के पीछे सैकड़ों टेस्ट मैच का अनुभव रखने वाले दिग्गज क्रिकेटरों का दिमाग लगा है.
  • गुलाबी गेंद की निर्माता कंपनी एसजी ने यह गेंद बनाने के दौरान सौ से अधिक टेस्ट खेलने वाले क्रिकेटरों बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली, अनिल कुंबले और राहुल द्रविड़ के अनुभव का इस्तेमाल किया. 

कोलकाता: ईडन गार्डंस में प्रयोग होने वाली गुलाबी गेंदें यूं ही नहीं तैयार की गई हैं। इस गेंद के निर्माण के पीछे सैकड़ों टेस्ट मैच का अनुभव रखने वाले दिग्गज क्रिकेटरों का दिमाग लगा है। गुलाबी गेंद की निर्माता कंपनी एसजी ने यह गेंद बनाने के दौरान सौ से अधिक टेस्ट खेलने वाले क्रिकेटरों बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली, अनिल कुंबले और राहुल द्रविड़ के अनुभव का इस्तेमाल किया। साथ ही पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन और ऑफ स्पिनर आर अश्विन से लंबी बातचीत की। इन दिग्गजों से मिली सलाह और दिशा-निर्देश के बाद ही भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले ऐतिहासिक दिन और रात्रि टेस्ट के लिए गेंद भेजी है।

हमारे लिए बड़ा इम्तिहान

कंपनी के एमडी पारस आनंद साफ करते हैं कि यह टेस्ट मैच उनके लिए बहुत बड़ा इम्तिहान है। पूरे देश और दुनिया के लोगों की निगाह उनकी ओर से बनाई गई गुलाबी गेंद पर होंगी। यही कारण है कि उन्होंने टेस्ट मैच में प्रयोग होने वाली लाल गेंद की तरह ही गुलाबी का निर्माण किया है। रंग और कोटिंग को छोड़कर गुलाबी गेंद में सब कुछ लाल गेंद जैसा है।

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भुवी और एरोन ने भी की मदद

उन्होंने गेंद के निर्माण के लिए भुवनेश्वर कुमार और वरुण एरोन से भी बात कर उनके अनुभव का इस्तेमाल किया। यह जरूरी था। इन सभी दिग्गजों से लंबी बात की गई। उनसे पूछा गया किस तरह की सीम होनी चाहिए। उसका उभार, रंग, कोर हर विषय पर बात की गई। खास तौर पर अश्विन, भुवनेश्वर और एरोन ने इस गेंद के निर्माण में अहम सलाह दी है। इनके अलावा अन्य दिग्गजों से सलाह लेकर भी गेंद को अंतिम रूप दिया गया।

गेंद का लेदर इंग्लैंड से मंगवाया

पारस कहते हैं कि गुलाबी गेंद के लिए लेदर इंग्लैंड से मंगवाया गया है। लाल गेंद में जितना लेदर प्रयोग होता है उतना ही इसमें भी किया गया है। कोशिश यही की गई है कि जिस तरह बुमराह, उमेश, शमी, इशांत, अश्विन और जडेजा लाल गेंद से गेंदबाजी में अपने को सहज महसूस करते हैं ठीक वैसी ही समानताएं गुलाबी गेंद में दी गई हैं। बस इसमें रंग और पीयू कोटिंग का फर्क है।

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