यूरोपीय सांसदों को कश्मीर दौरे पर ले जाने वाली मादी शर्मा कौन है?

संक्षेप:

  • यूरोपीय संघ के 23 सांसदों का कश्मीर दौरा विवादों में घिर गया है.
  • इन सांसदों के दौरे की फंडिंग पर विवाद पैदा हो गया है.
  • दावा किया जा रहा है कि यूरोपीय संघ के सांसद निजी यात्रा पर हैं.
  • सवाल उठने लगे हैं कि यूरोपीय संघ के सांसद कश्मीर दौरे पर क्यों आए हैं और उनकी इस निजी यात्रा की फंडिंग कौन कर रहा है.

श्रीनगर: यूरोपीय संघ के 23 सांसदों का कश्मीर दौरा विवादों में घिर गया है. इन सांसदों के दौरे की फंडिंग पर विवाद पैदा हो गया है. भारत में यूरोपीय संघ के कार्यालय के मुताबिक सांसद आधिकारिक यात्रा पर नहीं हैं. दावा किया जा रहा है कि यूरोपीय संघ के सांसद निजी यात्रा पर है. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि यूरोपीय संघ के सांसद कश्मीर दौरे पर क्यों आए हैं और उनकी इस निजी यात्रा की फंडिंग कौन कर रहा है. दावा किया जा रहा है कि यूरोपीय संसद के सदस्यों की कश्मीर यात्रा को वूमेन्स इकनॉमिक एंड सोशल थिंक टैंक (WESTT) एनजीओ ने स्पॉन्सर किया है. इस एनजीओ को ब्रिटिश-भारतीय व्यवसायी मादी शर्मा संचालित करती हैं.

दौरे को लेकर ये हैं सवाल

अब सवाल उठता है कि मादी शर्मा कौन है और यूरोपीय संघ के सांसदों की कश्मीर यात्रा पर WESTT ने क्यों फंडिंग की? अगर यूरोपीय संघ के सांसदों का ये निजी दौरा है तो उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात क्यों कराई गई? राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने उन्हें कश्मीर के हालात की जानकारी क्यों दी. घाटी में उनके लिए सरकारी इंतजाम क्यों किए गए? इस सब के लिए ये जानना जरूरी है कि आख़िर ये WESTT नाम का

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एनजीओ और मादी शर्मा कौन है?

WESTT एनजीओ

WESTT की वेबसाइट के मुताबिक WESTT को यूनाइटेड किंगडम स्थित उद्यमी मादी शर्मा नाम की महिला चलाती है. संस्था का दावा है कि वो महिलाओं के आर्थिक, पर्यावरण और सामाजिक विकास के लिए काम करती है. राजनीतिक स्तर पर ये संस्था अहम मुद्दों पर जागरूकता अभियान चलाती हैं लेकिन इससे कोई व्यावसायिक फायदा नही उठाती है.

कौन है मादी शर्मा

मादी शर्मा मादी ग्रुप की हेड हैं. मादी ग्रुप के बारे में कहा जा रहा है कि यह कई अंतरराष्ट्रीय प्राइवेट सेक्टर और एनजीओ का एक नेटवर्क है. वहीं मादी शर्मा के ट्विटर हैंडल पर मिली जानकारी के मुचताबिक वो खुद को सोशल कैपिटलिस्ट: इंटरनेशनल बिजनेस ब्रोकर, एजुकेशनल एंटरप्रेंयूर एंड स्पीकर बताती हैं. अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मादी शर्मा ने यूरोपीय सांसदों को कश्मीर यात्रा के लिए एक ईमेल किया था. इस ईमेल में यूरोपीय सांसदों को भेजे न्योते में मादी शर्मा ने ही उन्हें पीएम मोदी के साथ ख़ास मुलाक़ात कराने और कश्मीर यात्रा पर ले जाने का वादा किया था. इमेल की कॉपी से पता चलता है कि 7 अक्टूबर 2019 को मादी शर्मा ने यूरोपीय सांसदों को ईमेल कर 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीआईपी मीटिंग कराने और 29 अक्टूबर को कश्मीर ले जाने का वादा किया था. इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की बात कही गई थी.

मादी शर्मा यूरोपियन इकनॉमिक एंड सोशल कमिटी की सदस्य हैं जो यूरोपियन संघ की एक सलाहकार संस्था है. उन्होंने 370 पर एक आर्टिकल भी लिखा था जो EP टुडे में प्रकाशित हुआ. लेख का शीर्षक था `आर्टिकल 370 को खत्म करना जीत और कश्मीरी महिलाओं के लिए चुनौती क्यों है.` EP टुडे एक मासिक पत्रिका है जो यूरोपीय संसद से जुड़ी है.

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