आर्मी चीफ ने यूनिवर्सिटी छात्रों के प्रदर्शन पर उठाए सवाल, कहा- समूह को भड़काना लीडरशिप नहीं
- देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून पर हुए हिंसक प्रदर्शन पर आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने सवाल उठाए हैं.
- एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भीड़ को दंगे के लिए भड़काना कोई लीडरशीप नहीं है.
- जनरल रावत ने इस हिंसक प्रदर्शन में कॉलेज और यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के शामिल होने पर भी सवाल उठाए.
नई दिल्ली: देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून (citizenship amendment act) पर हुए हिंसक प्रदर्शन पर आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत (Chief of Army Staff Bipin Rawat) ने सवाल उठाए हैं. एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भीड़ को दंगे के लिए भड़काना कोई लीडरशीप नहीं है. जनरल रावत ने इस हिंसक प्रदर्शन में कॉलेज और यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के शामिल होने पर भी सवाल उठाए.बिपिन रावत ने कहा, `नेता वो नहीं होते हैं जो लोगों को गलत दिशा में ले कर जाए. जैसा कि हम देख रहे हैं कि बड़ी संख्या में कॉलेज और यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं. ये सब हिंसा कर रहे हैं सरकारी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. ये कोई लीडरशिप नहीं है.`
#WATCH Army Chief Gen Bipin Rawat: Leaders are not those who lead ppl in inappropriate direction. As we are witnessing in large number of universities&colleges,students the way they are leading masses&crowds to carry out arson&violence in cities & towns. This is not leadership. pic.twitter.com/iIM6fwntSC
— ANI (@ANI) December 26, 2019
बता दें कि हिंसा को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को चिंता जताई थी. प्रधानमंत्री ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कहा था, `यूपी में कुछ लोगों ने विरोध प्रर्दान के नाम पर हिंसा की. वे खुद से सवाल पूछें कि क्या उनका यह रास्ता सही था? जो कुछ जलाया गया क्या वह उनके बच्चों के काम नहीं आने वाला था?`पीएम मोदी ने कहा था, `हिंसा में जिन लोगों की मृत्यु हुई, जो लोग जख्मी हुए उनके परिवार पर क्या बीती होगी. मैं अफवाहों में आकर सरकारी सम्पत्ति को तोड़ने वालों से आग्रह करूंगा कि सार्वजनिक सम्पत्ति को बचाकर रखना उनका भी दायित्व है.`
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