138 साल पुराने निकाय छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धमतरी नगर पालिक निगम (Dhamtari Municipal Corporation) में इस बार चुनाव (Election) तो हुए

धमतरी. बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के नेताओं ने अपना जोर भी लगाया, लेकिन किस्मत ऐसी कि सत्ता दोनों को ही नहीं मिल सकी है. सत्ता के गणित में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के प्राप्तांक ऐसे हैं कि बिना निर्दलीयों से मिले कृपांक के कोई परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो सकता. अभी दोनों पक्ष कृपोत्तीर्ण वाली स्थिति में है. धमतरी में पूर्णांक 40 है. यानी के 40 वार्ड और सत्ता पाने के लिये कम से कम 21 पार्षद जरूरी हैं. धमतरी नगर निगम (Dhamtari Municipal Corporation) के 40 वार्डों में से इस बारे जनता ने कांग्रेस को 18 पार्षद दिये. जबकि बीजेपी को 17 और 5 निर्दलीय जीत कर आए. निर्दलीय हैं कि कुछ न कह कर वो सब कह रहे हैं. जिसके मायने सियासत में बिना कहे ही समझे जाते हैं. निर्दलीय पार्षद श्यामा साहू का कहना है कि उनकी नीति और पंसद के महापौर प्रत्याशी को ही अपना समर्थन करेंगी. दल को लेकर फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है. निर्दलीय पार्षद हेमंत बंजारे का भी यही कहना है. निर्दलीय ही होंगे किंगमेकर जाहिर है कि धमतरी में सियासत का सिनेमा ईस्टमेन कलर में चल रहा है और ये 16 रील में भी क्लाईमेक्स तक नहीं पहुंचा है. पार्षदों को पता है कि अब वो जैसा चाहेंगे वैसा कथानक होगा वैसा ही स्क्रीन प्ले तय होगा. चाहे डायरेक्टर कोई भी रहे तो ऐसे निर्दलीय भी हैं जो क्लाईमेक्स अपने हिसाब से रखना चाहते हैं. निर्दलीय पार्षद रूपेश राजपूत का कहना है कि हम अपने पसंद के पार्षद को ही महापौर बनते देखना चाहेंगे. इसलिए जो दल उनकी पसंद का कद्र करेगा, उसे समर्थन देंगे.जोड़तोड़ में लगे दल सियासत कभी कभी ऐसे मोड़ पर ला देती है कि आदर्श, सिद्धांत और पार्टी लाईन से ज्यादा जुगाड़ कौशल यानी मैनेजमेंट स्कील का महत्व हो जाता है. धमतरी में वही स्थिति है. इस परिस्थिति में कांग्रेस का पलड़ा थोड़ा भारी दिखता है. क्योंकि उसके तीन बागी जीते हैं, जिन्हे मैनेज करना है. इनमें सो दो को तो कांग्रेस अपने गुप्त अज्ञातवास पर ले जा चुकी है. राज्य में सत्ता होने का लाभ भी कांग्रेस को ही मिलेगा. इधर बीजेपी ने इससे पहले धमतरी जनपद में अंको से पिछड़ने के बाद भी जुगाड़ कौशल से सत्ता हथियाई थी. अब अगर वही कौशल बीजेपी दोहरा पाती है तो धमतरी में 131 साल का इतिहास देहरा सकती है. यही दोनों वजह है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनो ही शहर की सत्ता का सरताज बनने का दावा छोड़ नहीं रहे है. धमतरी विधायक व बीजेपी नेता रंजना साहू का कहना है कि मेयर उनके ही दल का बनेगा. दूसरी ओर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मोहन लालवानी का कहना है कि उनके पास बहुमत है, उनकी पार्टी उसे साबित कर देगी. ये भी पढ़ें:नगरीय निकाय चुनाव: 151 में से 77 में कांग्रेस, 56 में बीजेपी को जीत, 12 में मुकाबला 50-50  छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों का ऐलान, इन तीन तारीखों को होगी वोटिंग ।

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