धमतरी: राइस मिल में काम मांगने पहुंची 6 नाबालिग, जानिए फिर क्या हुआ?

संक्षेप:

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले की कुछ राइस मिलों में नाबालिगों से काम कराया जा रहा है लेकिन बाल संरक्षण ईकाई के अफसरों को जांचने की फुर्सत नहीं है। आमदी की एक राइस मिल मालिक ने जागरूकता का परिचय देकर नाबालिगों की जानकारी खुद दी, तब अफसरों की नींद खुली। कोंडागांव से काम करने आईं 6 नाबालिगों से पूछताछ कर वापस घर भेजा। बुधवार को 3 और नाबालिगों को काेंडागांव बस स्टैंड में पकड़ा गया, तीनों धमतरी आ रही थीं।

धमतरी: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले की कुछ राइस मिलों में नाबालिगों से काम कराया जा रहा है लेकिन बाल संरक्षण ईकाई के अफसरों को जांचने की फुर्सत नहीं है। आमदी की एक राइस मिल मालिक ने जागरूकता का परिचय देकर नाबालिगों की जानकारी खुद दी, तब अफसरों की नींद खुली। कोंडागांव से काम करने आईं 6 नाबालिगों से पूछताछ कर वापस घर भेजा। बुधवार को 3 और नाबालिगों को काेंडागांव बस स्टैंड में पकड़ा गया, तीनों धमतरी आ रही थीं।

शहरी क्षेत्र में ही 80 से अधिक राइस मिल हैं। इनमें से कई ऐसे राइस मिल है, जहां नाबालिगों से काम कराया जा रहा है। अधिकांश नाबालिग कांकेर, कोंड़ागांव, नगरी ब्लॉक सहित दूरस्थ अंचलों के हैं जिन्हें पैसे का लालच देकर काम कराया जा रहा है। इसके बाद भी बाल संरक्षण के अफसरों को जांचने की फुर्सत ही नहीं है। आमदी के रामदेव मिनी राइस मिल के मालिक नंदकिशोर राठी के मिल में काम करने 6 नाबालिग आईं। उन्होंने नाबालिगों से नाम, पता और उम्र की पूछताछ की। चूंकि नाबालिगों से काम लेना कानूनी अपराध है, ऐसे में उन्होंने मिल के एक कमरे में ठहराया। इसकी जानकारी कोंडागांव बाल संरक्षण ईकाई को दी। अफसर आए और कागजी कार्रवाई कर लौट गए। आमदी के रामदेव मिनी राइसमिल मालिक नंदकिशोर राठी ने बताया कि 5 जनवरी को 6 नाबालिग राइसमिल आईं। सभी काम करने की इच्छुक थीं। नाम, पता और उम्र पूछी। सभी नाबालिग थीं। तो वेबसाइट से कोंडागांव बाल संरक्षण ईकाई के अफसर का नंबर ढूंढा। जानकारी दी। खाने की व्यवस्था कराई। देर-रेख के लिए चौकीदार की ड्यूटी लगाई थी।

नाबालिगों के संबंध में जिले के बाल संरक्षण ईकाई के अफसरों को जानकारी तक नहीं थी, लेकिन कागजी कार्रवाई के बाद अब श्रेय लूट रहे है। जबकि कोंडागांव के जिला कार्यक्रम अधिकारी वरूण नागेश ने नाबालिगों की जानकारी जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक को दी, तब अफसरों की नींद खुली। आनन-फानन में अफसर राइस मिल गए। नाबालिगों से पूछताछ की। परिजनों से संपर्क किया।

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3 नाबालिगों को बस स्टैंड में पकड़ा

कोंडागांव के जिला कार्यक्रम अधिकारी वरूण नागेश ने बताया कि आमदी के राइस मिल मालिक से जानकारी मिली की 6 नाबालिग काम करने आए थे। तब धमतरी टीम को राइस मिल भेजा। मालिक की मदद से सभी नाबालिगों को वापस घर ले जाकर छोड़ा है। उन्होंने बताया कि कोंडागांव की 3 और नाबालिग काम करने धमतरी जाने निकली थीं। बस स्टैंड से पकड़ा। परिजन के सुपुर्द किया।

जांच से कई केस मिलेंगे

नाबालिग श्रमिकों की पड़ताल करने महिला बाल विकास की बाल संरक्षण ईकाई, श्रम विभाग की टीम कभी कभार ही निकलती है।। यदि टीम लगातार निकले तो बड़ी संख्या में नाबालिग काम करते राइसमिल व अन्य संस्थानों में मिलेंगे। शहरी क्षेत्र में 80 से अधिक राइस मिल हैं।

डर से काम पर नहीं रखा

जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक ने बताया कि नाबालिग राइसमिल में काम करने आए है जानकारी मिली। टीम ने जाकर पूछताछ की। टीम जागरूक है, इस वजह से राइसमिल संचालक डर के कारण उन्हें काम पर नहीं रखा। मिलों की जांच हो रही है।

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