फास्टैग के चलते लंबे जाम से बचे लोग, ईंधन की भी हो रही है बचत

संक्षेप:

फास्टैग से लोगों को मिल रहा है जाम से छुटकारा

लंबे जाम ना लगने से ईंधन की हो रही है बचत

रसनी टोल प्लाज़ा पर फर्राटे से भाग रही हैं गाड़ियां

 

महासमुंद जिले के नेशनल हाईवे-53 पर गाड़ियां आजकल फर्राटे से आगे बढ़ती हैं.. टोल प्लाजा के फास्टैग बेरियर के सामने गाड़ियां आते ही हाईपावर सेंसर युक्त कैमरे से वाहन के सामने ग्लास पर लगे फास्टैग स्टिकर स्कैन कर लिया जाता है, जिससे वाहनों की कतार नहीं लगती।

वाहन चालक फर्राटे से गाड़ियां दौड़ाते हैं। इस व्यवस्था से टोल टैक्स अदा करने कतार लगने से मुक्ति मिल रही है, ईंधन और समय की बचत हो रही है। हालांकि यहां से गरजने वाली गाड़ियों में अभी भी 25 से 30 फीसदी गाड़ी कैश लेन से ही गुजर रही है, जहां नगद भुगतान के कारण वाहनों की कतार लग रही है। यहां लोगों को फास्टैग के प्रति जागरूक करने यहां फास्टैग बूथ भी है।

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टोल प्लाजा के कर्मचारी कतारबद्घ वाहन चालकों को फास्टैग लगाने प्रोत्साहित करते हैं, जिससे लगातार वाहन चालक और मालिक फास्टैग की सुविधा ले रहे हैं। इस टोल प्लाजा का संचालन रायपुर एक्सप्रेस वे लिमिटेड कर रही है। एनएच-53 सूरत गुजरात से महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ होकर पारादीप ओडिशा को जोड़ती है।

रसनी टोल प्लाजा के आगे महासमुंद जिले में घोडारी पर एनएच-353 शुरू होती है जो राजा खरियार की ओर जाती है। रसनी टोल पर वाहनों का भारी दबाव रहता है, लेकिन फास्टैग सुविधा से यह दबाव अब नजर नहीं आता।

संचालन एजेंसी रायपुर एक्सप्रेस वे लिमिटेड के सीनियर मैनेजर रमेश पाठक ने बताया कि यहां सड़क के दोनों ओर चार-चार टोल गेट हैं। एक कैश, तीन फास्टैग वाले हैं। उन्होंने बताया कि यहां से गुजरने वाले वाहनों में अबतक 78 फीसद वाहनों में फास्टैग लगा है। दो माह पहले तक यह आंकड़ा 65 फीसद था, जो अब 13 फीसद बढ़ गया है। अभी भी कैश लेन से 22 फीसद वाहन गुजरते हैं। राजमार्ग मंत्रालय ने 15 फरवरी तक समय सीमा बढ़ाई है, जो कि पहले 31 दिसंबर तक था। इस अवधि में प्रयास है कि शत-प्रतिशत वाहन फास्टैग से युक्त हो जाये। पाठक ने बताया कि शासन के प्रयास से लोगों में जागरूकता आ रही है।

टोल प्लाजा पर भी स्टाफ लोगों को फास्टैग के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे लोग इसकी सुविधा ले रहे हैं। रविवार को टोल गेट से नौ हजार गाड़ियां गुजरी हैं, जिनमें सात हजार से अधिक वाहन फास्टैग लगे हुए थे, जबकि दो हजार वाहनों में फास्टैग नहीं थे। ये वाहन कैश लेन से गुजरे हैं।

 

बताया गया है कि कैश लेन में सुबह नौ बजे से 11 बजे तक और शाम पांच बजे से सात बजे तक वाहनों की भीड़ लगती है, तब फास्टैग न लगा होने से यहां लोगों को पांच से 20 मिनट तक कतार में लगकर अपनी बारी आने की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। इससे लोगों के समय और ईंधन की बर्बादी होती है।

 

वहीं टोल प्लाज़ा के अधिकारियों का भी कहना है कि फास्टटैग एक अच्छी व्यवस्था है और इससे अनाश्यक वाहनों की लंबी लाइनें भी नहीं लगती.. इससे समय और ईंधन की बहुत बचत होती है

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