डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी को बताया नमाजवादी पार्टी

संक्षेप:

  • बोले- सपा प्रमुख को अखिलेश अली जिन्ना कहना ज्यादा बेहतर।
  • अखिलेश यादव ने जिन्ना की तुलना महापुरुषों से करके उनका अपमान किया।
  • उन्हें लोगों से माफी मांगी चाहिए।

गाजियाबाद- प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा मोहम्मद अली जिन्ना की तुलना जवाहल लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल से किए जाने के बाद उठा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब इस विवाद में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी कूद गए हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को अखिलेश अली जिन्ना कहा जाना ज्यादा बेहतर होगा। अखिलेश यादव ने जिन्ना की तुलना देश के महापुरुषों के साथ करके उनका अपमान किया है। इसके लिए उन्हें लोगों से माफी मांगी चाहिए। हालांकि जनता उन्हें माफ नहीं करेगी।

डिप्टी सीएम आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सोमवार को हापुड़ पहुंचे थे। वे यहां गढ़ रोड स्थित एक मैरिज होम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मंडल अध्यक्ष, मंडल प्रभारी, जिला प्रभारी, जिलाध्यक्ष, विधानसभा प्रभारियों के साथ कार्ययोजना की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल, क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनिवाल मौजूद रहे। इससे पहले डिप्टी सीएम सहित सभी नेताओं का जिले में जगह-जगह जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान लोगों को जाम का सामना करना पड़ा।

बैठक में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने 2017 के विस चुनाव में पूर्ण बहुमत दिलाया था। अब 2022 के चुनाव में उससे ज्यादा बेहतर परिणाम आएंगे। ईवीएम कमल के फूल से लबालब होगी। उत्तर प्रदेश में अगर सपा, बसपा और कांग्रेस का गठबंधन होता हैं, तब भी जीत भाजपा को मिलेगी।

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विपक्षियों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि 2017 के चुनाव के बाद प्रियंका, राहुल और अखिलेश यादव को भगवान याद आ रहे है। कोई जनेऊधारी, कोई रामभक्त, तो कोई कृष्णभक्त बन जाता हैं। 2022 के चुनाव में तीनों का ही प्रदेश से सूपड़ा साफ होगा। प्रदेश की जनता भ्रष्टाचार, अराजकता, गुंडागर्दी और भयमुक्त सरकार चाहती हैं। पिछले साढ़े चार वर्षो में प्रदेश की जनता को ऐसी ही सरकार मिली है।

सपा मुखिया व पूर्व सीएम अखिलेश यादव समाजवादी विजय रथ लेकर रविवार को हरदोई पहुंचे थे। वहां जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा था कि सरदार पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना (मुहम्मद अली) ने एक ही संस्थान में पढ़ाई की। वे बैरिस्टर बन गए और भारत की आजादी के लिए लड़े। उनके इस बयान पर कई राजनीतिक दल तीखी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। इनसे पहले एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा प्रमुख मायावती भी उनके बयान की आलोचना कर चुके हैं।

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