आज से लागू ई-टेंडरिंग व्यवस्था, ठेकेदार कहीं से भी भर सकते है टेंडर
- यूपी में सभी सरकारी विभाग में ई-टेंडरिंग सिस्टम लागू
- ठेकेदारों को टेंर भरने के लिए ई-टेंडर का लेना होगा सहारा
- विभिन्न विभागों में 62,852 टेंडर आमंत्रित
उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी विभागों में शुक्रवार से ई-टेंडरिंग सिस्टम लागू कर दिया गया है, यानी अब ठेकेदारों को टेंडर भरने के लिए ई-टेंडर का सहारा लेना पड़ेगा। ग्राम पंचायतें और क्षेत्र पंचायतें दायरे से बाहर होंगी। सरकारी विभागों की ओर से कराये जाने वाले निर्माण कार्यों, सेवाओं, जॉब वर्क, सामग्री की खरीद और चालू दर और दर अनुबंध यानी रेट कांट्रैक्ट भी ई-प्रोक्योरमेंट व ई-टेंडरिंग के जरिये होंगे।
ये ई-टेंडरिंग की व्यवस्था सभी सरकारी विभागों के साथ ही सभी सार्वजनिक उपक्रमों,विकास प्राधिकरणों, नगर निगमों और निकायों में लागू होगी। ग्राम और क्षेत्र पंचायतों को फिलहाल ई-टेंडरिंग के दायरे से बाहर रखा गया है। ई-टेंडरिंग की व्यवस्था को अमली जामा पहनाने के लिए शासन ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है।
गुरुवार को लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस में आईटी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजीव सरन ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ई-टेंडर से निर्माण व विकास कार्यों, जॉब वर्क और सामग्री खरीद में प्रतिस्पर्धा होगी। उन्होंने कहा कि ई-टेंडर के लिए ठेकेदार और अधिकारीयों के डिजिटल दस्तखत अनिवार्य है। सरन ने बताया कि अप्रैल से ही प्रमुख विभागों में ई-टेंडर व्यवस्था को अनिवार्य किया गया था।
ये भी पढ़े : 20 साल के कॉलेज छात्र ने बनाया रियल एस्टेट क्षेत्र में क्रांति लाने वाला पोर्टल
इससे 30 अगस्त तक विभिन्न विभागों में इसके जरिए 62,852 टेंडर आमंत्रित की गईं। जमानत राशि भी बैंक में ऑनलाइन जमा की जाएगी। टेंडर का निस्तारण होते ही इससे बहार होने वाली फर्म को बैंक से ही यह राशि खाते में लौटा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ई-टेंडर से माफिया राज समाप्त होगा। कोई भी ठेकेदार कहीं से भी बैठकर टेंडर भर सकता है।
If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.
Read more Ghaziabad की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।