International Yoga Day: योग में बनाएं अपना करियर, कमाएं 1 लाख रुपए हर महीने

संक्षेप:

  • योग करने के है अनेक फायदे
  • कई बीमारियों से दिलाता है मुक्ति
  • योग सिखाने वाले इंस्टीट्यूट करे कोर्स

योग से हम फिट रहते है और कई बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है। अब हम इस योग में एक बेहतर करियर भी बना सकते है। शहर में फिलहाल पांच हजार से ज्यादा योग ट्रेनर्स काम कर रहे हैं। ये आंकड़ा पांच साल में 50 फीसदी बढ़ा है। योग सिखाने वाले इंस्टीट्यूट भी बढ़े हैं, जहां लोग एक महीने से लेकर दो साल तक के सर्टिफाइड कोर्स कर रहे हैं।

होम विजिट में 1 लाख रुपए महीने तक की इनकम

देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की योग अध्ययनशाला के निदेशक डॉ. एसएस शर्मा ने बताया कि हमारे यहां के स्टूडेंट्स 25 या 30 हजार की नौकरी नहीं करना चाहते क्योंकि वे होम विजिट से 50 हजार से एक लाख रुपए महीना तक कमा रहे हैं। इसकी वजह ये है कि यहां योग थैरेपी सिखाई जाती है, जिससे अनेक बीमारियों का इलाज किया जाता है। पैशेंट्स को घर पर थैरेपी देने पर 15 हजार तक चार्ज किया जाता है। एक योग ट्रेनर करीब 10 से 15 पैशंट्स को रोज थैरेपी दे सकता है। हमारे यहां के 90 फीसदी से ज्यादा पासआउट होम विजिट के जरिए अच्छी आय कमा रहे हैं।

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जीरो इन्वेस्टमेंट में अच्छी कमाई

योग में पीएचडी कर रहे जितेंद्र मालवीय ने बताया कि योग में मास्टर्स डिग्री के बाद किसी स्टूडेंट के पास कई विकल्प होते हैं। पहला कॉम्पीटिशन यानी योग को एक स्पोट्र्स की तरह अपना कर देशभर में कम्पीट करें, दूसरा है टीचिंग यानी किसी संस्थान में योग टीचर बन जाए या अपना ही एक सेंटर खोल कर योग सिखाए और तीसरा विकल्प है होम विजिट। मैंने होम विजिट चुना क्योंकि इसमें कोई इन्वेस्टमेंट नहीं है। कुछ लोग बेसिक सिखने के लिए घर बुलाते हैं। अकसर बुजुर्ग ऑर्थराइटिस, स्लिप डिस्क, अस्थमा आदि के लिए योग थैरेपी लेते हैं। जिस कॉलोनी में सिखाने जाते हैं, अकसर वहां के लोग बगीचे में योगा क्लास भी लगवाते हैं।

स्टूडेंट्स का होता है प्लेसमेंट

परमानंद इंस्टीट्यूट ऑफ योगा साइंसेज के डायरेक्टर डॉ. ओमानंद ने बताया कि हमारे यहां एक महीने के सर्टिफिकिट कोर्स से लेकर एक साल तक के डिप्लोमा कोर्स हैं। साल भर में देश-विदेश से करीब 500 स्टूडेंट्स आते हैं जिनमें से 90 फीसदी से ज्यादा प्लेसमेंट हो जाता है। ज्यादातर किसी यूनिवर्सिटी, कॉलेज में पढ़ाने लगते हैं। कई स्टूडेंट विदेश भी चले जाते हैं। जो इसी शहर में रहना चाहते हैं वो खुद का सेंटर खोल लेते हैं या पर्सनल विजिट करते हैं। चोइथराम कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज के योग विभाग के फैकल्टी डॉ. संजय लोंढे ने बताया कि सभी पासआउट को आसानी से नौकरी मिल जाती है, चाहे वो किसी स्कूल में हो या जिम में।

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