केंद्रीय मंत्री के गांव में दो हफ्ते में चली गई 30 लोगों की जान, गांव वाले कोरोना टेस्ट का कर रहे है बहिष्कार

संक्षेप:

  • कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार हुई कम
  • खतरा यह की गांव में तेजी से फैल रहा है कोरोना
  • हरियाणा के बापोड़ा में दो हफ्तों में तीस से ज्यादा की जा चुकी है जान

गाजियाबाद- कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार पहले से कम हुई है। यह रफ्तार कम होने की एक वजह अलग-अलग राज्यों में लॉकडाउन है। कोरोना का रफ्तार कम होने का मुख्य कारण शहरों में इसके प्रसार में कमी आना है। पर चिंता का सबब यह है कि कोरोना अब गांवो में पहुंचते जा रहा है। कोरोना जिस तेजी से गांवो में फैल रहा है उससे यही लग रहा है कि आने वाले कुछ हफ्तों में यह भारत के गांवो में बहुत भयंकर तबाही मचा सकता है।

केंद्रीय मंत्री और पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह के पैतृक गांव हरियाणा के बापोड़ा में पिछले 2 हफ्तों में तीस से अधिक लोगो की जान चली गई है। चिंता का विषय यह है कि गांव में इतनी जान जाने के बाद भी लोग कोरोना टेस्ट के लिए तैयार नही हो रहे है।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बापोड़ा गांव के सरपंच नरेश कुमार ने बताया कि दो हफ्ते में 30 लोगों की मौत से गांव में चिंता बढ़ने लगी है। उन्होंने कहा कि अभी तक कई लोगों में कोविड के लक्षण भी देखने को मिले हैं, लेकिन तीन लोग ही कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं।

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जिन लोगों की मौत हुई है, उनको लेकर नरेश कुमार ने कहा कि उनको खांसी, बुखार जैसे कुछ लक्षण थे लेकिन किसी ने कोविड की जांच नहीं करवाई। ऐसे में मौत का कारण क्या है, ये कह पाना मुश्किल है। मृतकों में अधिकतर संख्या बुजुर्गों की थी।

अब भिवानी जिला के अधिकारियों द्वारा गांव में एक एम्बुलेंस लगाई गई है, इसी के जरिए ही गांववालों की स्क्रीनिंग की जा रही है। सरपंच नरेश कुमार के मुताबिक, गांव की आबादी 20 हजार के करीब है, साधारण तौर पर हफ्ते में एक-दो मौतें ही होती हैं लेकिन पिछले कुछ वक्त से हालात बेकाबू हैं।

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