Airtel Customer ने मुस्लिम की जगह की `हिंदू रिप्रजेंटेटिव` की मांग, कपंनी हुई ट्रोल

संक्षेप:

  • एयरटेल टेलीकॉम कंपनी सोमवार को बड़े विवाद में फंसी
  • एयरटेल के कस्टमर ने `हिंदू रिप्रजेंटेटिव` की मांग की
  • कंपनी ने एतराज नहीं जताते के बजाय कर्मचारी बदला

एयरटेल टेलीकॉम कंपनी सोमवार को बड़े विवाद में फंस गई। एयरटेल टेलीकॉम कंपनी से उनके किसी कस्टमर ने `हिंदू रिप्रजेंटेटिव` की मांग की और कंपनी ने कोई भी एतराज नहीं जताया।  दरअसल, पूजा सिंह नाम की किसी एयरटेल DTH कस्टमर ने ट्विटर पर कंपनी के सर्विस इंजीनियर की शिकायत करते हुए एक ट्वीट लिखा। पूजा के ट्वीट का रिप्लाई कंपनी की ओर से शोएब नाम के कर्मचारी ने किया और उनकी शिकायत को सुलझाने का आश्वासन दिया।

जिसपर पूजा ने उस कर्मचारी से बात करने से इनकार कर दिया और कहा कि डियर शोएब, क्योंकि तुम एक मुस्लिम हो और मुझे तुम्हारे काम करने के तरीके पर विश्वास नहीं है क्योंकि हो सकता है कि कुरान में कस्टमर केयर सर्विस का कुछ और ही वर्जन हो, तो मैं तुमसे रिक्वेस्ट करती हूं कि मेरे काम की जिम्मेदारी किसी हिंदू रिप्रजेंटेटिव को दें. थैंक्स। इस ट्वीट के बाद कंपनी के गगनजोत नाम के व्‍यक्‍त‍ि ने रिप्‍लाई किया, उनकी शिकायत को सुलझाने का आश्वासन दिया।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


एयरटेल टेलीकॉम कंपनी ने पूजा सिंह की हिंदू रिप्रजेंटेटिव वाली डिमांड पर कोई भी सवाल नहीं उठाया, तो ट्विटर पर लोगों ने कंपनी की जमकर आलोचना की। इस पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करके कहा कि "मैने पूरी बातचीत पढ़ी और मैं अपना नंबर पोर्ट करवा रहा हूं. साथ ही मैं एयरटेल डीटीएच कनेक्शन भी बंद करवा दूंगा।"

वहीं इस घटना के बाद कई एयरटेल यूजर्स ने ट्विटर और सोशल मीडिया पर लिखा कि वो अपना नंबर एयरटेल से दूसरी कंपनी के नेटवर्क में पोर्ट करेंगे। विवाद बढ़ने पर एयरटेल इंडिया ने सफाई देते हुए कहा कि वो अपने किसी भी कस्टमर या कर्मचारी के साथ जाति या धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं करती। कंपनी ने सभी से गुजारिश की कि इस घटना को `मजहबी रंग` न दिया जाए।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Read more Ghaziabad की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles