चंद्रशेखर आजाद बोले- अगर किसी ने कहा रावण तो कोर्ट में करूंगा केस

संक्षेप:

  • भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद बोले- नहीं बोला जाए `रावण`
  • जो मुझे रावण कहेगा मैं उनके खिलाफ कोर्ट में केस करूंगा: चंद्रशेखर आजाद
  • बोले- कुछ लोगों ने मुझे रावण बनाकर पेश करना कर दिया है शुरू

भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि उन्हें `रावण` नाम से नहीं पुकारा जाए. चंद्रशेखर ने कहा, `जो कोई भी मुझे रावण कहेगा तो मैं उनके खिलाफ कोर्ट में केस करूंगा. मेरा नाम चंद्रशेखर आजाद है, अगर मुझे मीडिया में रावण कहकर विलन दिखाने का काम किया जाएगा तो मैं कोर्ट जाऊंगा.`

उन्होंने कहा कि रावण ब्राह्मण थे और चंद्रशेखर आजाद भी ब्राह्मण थे. इसके बाद भी मीडिया के कुछ लोगों ने मुझे रावण बनाकर पेश करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि `रावण` नाम के साथ उनकी निगेटिव छवि बनाई जा रही है, जो सरासर गलत है.

चंद्रशेखर ने कहा कि एससी/एसटी एक्ट के रूप में दलितों को हथियार मिला हुआ है, कुछ लोग इस खत्म करना चाह रहे हैं. यह सोची समझी साजिश के तहत हो रहा है. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर पिछले सप्ताह ही जेल से रिहा होकर आए हैं. जेल से बाहर निकलते ही उनकी तबियत खराब हो गई थी. चिकित्सकों की एक टीम ने स्वास्थ्य जांच के बाद चंद्रशेखर को आराम करने की सलाह दी.

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भीम आर्मी के मीडिया प्रभारी अजय गौतम ने बताया कि जब से चन्द्रशेखर आजाद जिला कारागार से अपने निवास छुटमलपुर पहुंचे हैं तभी से मीडिया और कार्यकर्ताओं से जिस कारण चंद्रशेखर को चक्कर आ गयी। गौतम ने बताया कि चिकित्सकों ने चन्द्रशेखर आजाद को पूरी तरह आराम करने की सलाह दी है. 

जेल से रिहा होने के बाद चंद्रशेखर ने कहा था कि मायावती उनकी बुआ समान हैं. उन्होंने कहा था कि वह मायावती को ही अपना नेता मानते हैं. युवा दलित नेता ने कहा था कि मायावती के कुछ सिपहसालारों ने उन्हें गलत सूचना देकर मेरे खिलाफ भड़का दिया था, लेकिन अब सारी गलतफहमी दूर हो गई है. 

हालांकि बीएसपी प्रमुख मायावती ने चंद्रशेखर के साथ किसी भी राजनीतिक रिश्ते को नकार रही हैं. मायावती ने पिछले साल मई में सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में हुई जातीय हिंसा के मामले में गिरफ्तारी के बाद पिछले दिनों रिहा किये गये चंद्रशेखर के साथ कोई नाता होने से इनकार किया है। मायावती ने कहा ‘मैं देख रही हूं कि कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ में तो कुछ लोग अपने बचाव में और कुछ लोग खुद को नौजवान दिखाने के लिये कभी मेरे साथ भाई-बहन का तो कभी बुआ-भतीजे का रिश्ता जोड़ रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि सहारनपुर के शब्बीरपुर में हुई हिंसा के मामले में अभी हाल में रिहा हुआ व्यक्ति (चंद्रशेखर उर्फ रावण) उनके साथ बुआ का नाता जोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उनका कभी भी ऐसे लोगों के साथ कोई सम्मानजनक रिश्ता नहीं कायम हो सकता. अगर ऐसे लोग वाकई दलितों के हितैषी होते तो अपना संगठन बनाने की बजाए बसपा से जुड़ते।

मालूम हो कि मई 2017 में सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गये ‘भीम आर्मी‘ के संस्थापक चंद्रशेखर को 14 सितम्बर को रिहा किया गया था। रिहाई के बाद उन्होंने कहा था कि मायावती उनकी बुआ हैं और उनका उनसे कोई विरोध नहीं है.

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