निठारी कांड के 8वें मामले पर सुरेंद्र कोली और पंढेर को फांसी की सजा

संक्षेप:

  • निठारी कांड पर सीबीआई कोर्ट का फैसला
  • सुरेंद्र कोली और पंढेर को फांसी की सजा
  • शनिवार को हत्या और रेप के आरोप में दोषी दिया करार

गाजियाबादः निठारी कांड के आठवें मामले पर गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने मनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई है। जज ने सजा का ऐलान करते हुए कहा कि ऐसे लोग समाज में रहने लायक नहीं है। इससे पहले कोर्ट ने शनिवार को सुरेंद्र कोली और पंढेर को हत्या और रेप के आरोप में दोषी करार दिया था। मामले में अब तक सीबीआई की तरफ से 46 गवाह जबकि पंढेर की तरफ से 1 गवाह पेश किया था। कोर्ट ने सभी दलीलों को सुनने के बाद सुरेंद्र कोली को मोनिंदर सिंह पंढेर को दोषी पाया।

क्या है निठारी कांड का आठवां मामला-

निठारी में रहने वाली युवती एक मेड थी। वह 5 अक्टूबर 2006 को एक कोठी में काम करने के लिए गई थी। काम खत्म करने के बाद उसने कोठी में ही पहले कुमकुम नाम का सीरियल देखा और उसके बाद घर के लिए रवाना हुई, लेकिन घर नहीं पहुंची। जिसके बाद, उसके पिता ने नोएडा के सेक्टर-20 थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

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मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस के हाथ पहले कुछ नहीं लगा, लेकिन 21 दिंसबर को अचानक युवती का फोन शुरू हुआ, पुलिस ने तुरंत लोकेशन ट्रेस करती हुई निठारी के कोठी नंबर डी-5 के घर पहुंच गई और सुरेंद्र कोली व मोनिदंर सिंह पंढेर को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में और भी बड़े खुलासे हुए, जिसपर पुलिस ने कोली की निशानदेही पर कोठी से बच्चों की चप्पल, कपड़े और बाकी सामान भी बरामद किये। इसके अलावा पुलिस को कोठी के पीछे के नाले से कई कंकाल व खोपड़ियां भी मिली थी।

वहीं सूचना पर लापता युवती के परिजन भी कोठी नंबर डी-5 पहुंचे और वहां युवती के कपड़ों की पहचान की। इसके बाद केस सीबीआई को ट्रांसफर किया गया। सीबीआई ने कोली के खिलाफ युवती का अपहरण, रेप और हत्या करने का मुकदमा दर्ज किया। इस मामले में सीबीआई ने 46 गवाहों को पेश करके उनके बयान दर्ज कराए थे। वहीं, बचाव पक्ष की तरफ से 3 गवाह पेश किए गए।

 

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