प्लाजमा देकर जान बचाए, कोरोना में आप साथ निभांए

संक्षेप:

  • प्लाजमा देकर कोरोना मरीजों की जान बचांए
  • भारत में नही थम रहे है कोरोना के मामले
  • हर दिन लाखों में मिल रहे है मामले

गाजियाबाद- कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर मरीजों को बेड और ऑक्सीजन मिलने के बाद प्लाज्मा के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोग पोस्ट डालकर अपने परिचितों के साथ अनजान लोगों के लिए प्लाज्मा की मदद मांग रहे हैं। लोगों में फैली भ्रांतियां को दूर करने के लिए कोरोना को मात दे चुके महानगर के तमाम योद्धा प्लाज्मा डोनेट करने की अपील कर रहे हैं। अपील करने वालों में एक बार प्लाज्मा डोनेट कर चुके लोग भी शामिल हैं।

प्लाज्मा की एंटीबॉडीज वायरस खत्म करने में सक्षम

संयुक्त अस्पताल कोविड लेवल-दो के प्रभारी डॉ. सूर्यांशु ओझा का कहना है कि कोविड से ठीक हो चुके लोगों को प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आना चाहिए। कोविड संक्रमण ठीक होने पर उसके अगेंस्ट एंटीबॉडीज बनती हैं। प्रतिरोधक क्षमता देने वाली कोविड की एंटीबॉडीज प्लाज्मा में होती हैं। यह एंटीबॉडीज वायरस को खत्म करने में सक्षम होती हैं। कोविड से ठीक होने के 15 से 30 दिनों के बाद प्लाज्मा डोनेट किया जा सकता है। प्लाज्मा डोनेट करने के लिए उम्र 18 से 60 साल के बीच और वजन 50 किलो से अधिक होना चाहिए। प्लाज्मा डोनेट करने की प्रक्रिया एक से डेढ़ घंटे की होती है। प्लाज्मा डोनेट करने से पहले स्क्रीनिंग के जरिये यह पता लगाया जाता है कि आप डोनेट करने के लिए सभी मानक पूरा करते हैं या नहीं।

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