हापुड़: दिव्यांग ने राष्ट्रपति से की इच्छा मृत्यु की मांग, तो अधिकारियों ने चली ये चाल

संक्षेप:

  • 32 वर्षीय दिव्यांग युवक ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लिखा लेटर
  • लेटर के जरिए इच्छा मृत्यु की मांग की, अधिकारियों में मचा हड़कंप
  • घर पहुंचे अधिकारियों ने चालाकी से पीड़ित के पिता से लिखवाया- वह डिप्रेशन में रहता है

हापुड़ः हापुड़ के गरीबी से परेशान 32 वर्षीय दिव्यांग युवक ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लेटर लिख इच्छा मृत्यु की मांग की है। राष्ट्रपति के ऑफिस से आए लेटर के बाद अब अधिकारियो में हड़कंप मचा हुआ है लेकिन अभी तक कोई भी अधिकारी दिव्यांग युवक से मिलने नहीं पहुंचा और ना ही किसी तरह की मदद पहुंचाई गयी है। वहीं अधिकारी अब इस मामले में मीडिया के कैमरे पर कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे है।  

दरअसल, मामला जिला मुख्यालय के 5 किलोमीटर दूर बसे गांव ततारपुर का है, जहां प्रजापति समाज का बाबूराम नाम अपने 6 बच्चों सतवीर, अनीता, सरिता,सोनी, पूजा और प्रदीप के साथ रहता है। सबसे बड़ा बेटा सतवीर दिव्यांग और हार्ट की बीमार से परेशान है। 32 वर्षीय सतवीर के घर की आर्थिक स्थिति भी बहुत कमजोर है जिस कारण सतवीर ने अपनी पढ़ाई भी छोड़ दी और दिव्यांग होने के बाद भी मेहनत मजदूरी करने लगा। सतवीर के माता पिता मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं।

सतवीर ने बताया कि उसके घर की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है और माता पिता समेत परिवार के लोग भी बीमार रहते हैं। उसकी भी दवाइयों खर्चा नहीं चल पा रहा है तो उसने अधिकारियों और नेताओं के पास जाकर मदद की गुहार लगाई लेकिन किसी ने भी उस पीड़ित दिव्यांग मदद नहीं की, जिससे परेशान होकर सतवीर ने 18 अगस्त 2017 में राष्टृपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की थी।

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अब जब वह लेटर हापुड़ के अधिकारियों के पास पहुंचा तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया और कुछ छोटे अधिकारी पीड़ित सतवीर के घर पहुंचे और उसके पिता बाबूराम से ये लिखवाकर अपनी रिपोर्ट में लगा दिया कि वह डिप्रेशन में रहता है। अधिकारियों ने दिव्यांग की कोई मदद करने की जिम्मेदारी नहीं समझी और मामले को रफा-दफा कर दिया।

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