होशियार! दुश्मनों को भेदने आ गया Apache अटैक हेलिकॉप्टर, गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतरी पहली खेप
- न्यूज़
- Saturday | 27th July, 2019
- technology
- भारत को मशहूर अटैक हेलिकॉप्टर अपाचे की पहली किस्त के तौर पर 4 चॉपर मिल गए हैं.
- अमेरिकी कंपनी बोइंग की ओर से तैयार किए गए इन हेलिकॉप्टरों को अटैक के मामले में दुनिया में सबसे मारक माना जाता है.
- हेलिकॉप्टरों की पहली खेप गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पहुंचाई गई है.
गाजियाबाद: भारत को मशहूर अटैक हेलिकॉप्टर अपाचे की पहली किस्त के तौर पर 4 चॉपर मिल गए हैं. अमेरिकी कंपनी बोइंग की ओर से तैयार किए गए इन हेलिकॉप्टरों को अटैक के मामले में दुनिया में सबसे मारक माना जाता है. भारत ने बोइंग कंपनी से 22 AH-64E अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर खरीदने का करार किया था. हेलिकॉप्टरों की पहली खेप गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पहुंचाई गई है. अगले सप्ताह 4 हेलिकॉप्टरों की एक ओर खेप भारत पहुंच जाएगी. इसके बाद 8 हेलिकॉप्टर पठानकोट पहुंचेंगे. 2020 तक भारतीय वायुसेना को सभी 22 अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर मिल जाएंगे.
इससे पहले मई में कंपनी ने भारत को एरिजोना में पहला अपाचे हेलिकॉप्टर सौंपा था, अब उस हेलिकॉप्टर समेत 4 विमान भारत आ पहुंचे हैं. खुद कंपनी ने हेलिकॉप्टरों के भारत पहुंचने की पुष्टि की है. इस हेलिकॉप्टर के वायुसेना के बेड़े में शामिल होने से भारत की दुश्मन के घर में घुसकर मार करने की क्षमता और बढ़ी है.
The first four of 22 Boeing AH-64E Apaches have arrived in India. The worlds most lethal attack helicopter will give significant combat capabilities to @IAF_MCC.
— Boeing India (@Boeing_In) July 27, 2019
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US Army में लंबे समय से अपाचे का हो रहा इस्तेमाल
अमेरिकी कंपनी का AH-64 अपाचे दुनिया भर में मल्टि रोल युद्धक हेलिकॉप्टर के तौर पर जाना जाता है. इसे लंबे समय से अमेरिकी सेना में इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन अब इसका इस्तेमाल करने वाले देशों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. दुनिया भर में कंपनी ने अब तक 2,100 अपाचे हेलिकॉप्टर्स की सप्लाई की है. अमेरिकी सेना पहली बार 1984 में इस हेलिकॉप्टर को अपने बेड़े में शामिल किया था.
अपाचे पहला ऐसा हेलिकॉप्टर है जो भारतीय सेना में विशुद्ध रूप से हमले करने का काम करेगा. भारतीय सेना रूस निर्मित एमआई-35 का इस्तेमाल वर्षों से कर रही है, लेकिन यह अब रिटायरमेंट के कगार पर है. अपाचे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि दुश्मन की किलेबंदी को भेदकर और उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है.
अपाचे युद्ध के समय गेम चेंजर
इससे पीओके में आतंकी ठिकानों को आसानी से तबाह किया जा सकेगा. रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि अपाचे युद्ध के समय `गेम चेंजर` की भूमिका निभा सकता है. अमेरिका ने अपने इस अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर को पनामा से लेकर अफगानिस्तान और इराक तक के साथ दुश्मनों से लोहा लेने में इस्तेमाल किया. इजरायल भी लेबनान और गाजा पट्टी में अपने सैन्य ऑपरेशनों में इसी अटैक हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करता रहा है.
दुश्मन के टैंकों को आसानी से ध्वस्त करने में सक्षम
अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर में दो जनरल इलेक्ट्रिक T700 टर्बोशैफ्ट इंजन हैं और आगे की तरफ एक सेंसर फिट है जिसकी वजह से यह रात के अंधेरे में भी उड़ान भर सकता है. यह 365 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरता है. इतनी तेज गति होने की वजह से यह दुश्मन के टैंकों के परखच्चे आसानी से उड़ा सकता है.
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